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फिर भी ईरान ने क्यों पाकिस्तान पर मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमले किए, भड़का पाकिस्तान , उसने नतीजे भुगतने की धमकी दी, मारे गए थे उसके 11 सैनिक

इस्लामाबाद
दोनों इस्लामिक मुल्क हैं और फिलिस्तीन समेत कई मुद्दों पर दोनों की एक सी राय रही है। फिर भी ईरान ने क्यों पाकिस्तान पर मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमले किए हैं, इसे लेकर सवाल पूछा जा रहा है। ईरान ने बलूचिस्तान में मिसाइल अटैक कर आतंकी संगठन जैश अल-अदल के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया है। इस अटैक के बाद पाकिस्तान भड़क गया है और उसने नतीजे भुगतने की धमकी दी है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर एक इस्लामी मुल्क पर ईरान ने इतना भीषण वार क्यों किया है। इसका जवाब एक महीने पहले हुई घटना से मिलता है।

दरअसल जैश अल-अदल सुन्नी विचारधारा वाला खूंखार आतंकी संगठन है, जिसके ईरान से मतभेद रहे हैं। वह ईरान से लगती सीमा पर अकसर हमले करता रहा है और उसकी सेना को निशाना बनाया है। लेकिन पिछले महीने यानी दिसंबर में उसने ईरानी सेना पर हमला बोल दिया था, जिसमें उसके 11 अफसर मारे गए थे। ईरान के गृह मंत्री अहमद वाहिदी ने भी इसकी पुष्टि की थी। उन्होंने बताया था कि इन आतंकियों ने पाकिस्तान के पंजगुर इलाके के पास से हमला बोला था। माना जा रहा है कि इस घटना का इंतकाम लेने के लिए ही ईरान ने हमला बोला है।

ईरान ने चुन-चुनकर आतंकी ठिकानों पर बरसाए मिसाइल तो भड़का पाक
अब इस हमले के बाद भी पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देने की बात पर कुछ नहीं कह रहा है बल्कि ईरान पर ही हमलावर है। उसने ईरान को नतीजे भुगतने की धमकी देते हुए कहा कि बातचीत के लिए कई रास्ते थे, लेकिन उनकी बजाय हमले का इस्तेमाल किया गया। वहीं ईरानी मीडिया ने हमले को लेकर कोई सबूत नहीं दिया है, लेकिन पाकिस्तान ने उस पर आरोप लगाया है कि मिसाइल हमलों में दो बच्चियां मारी गई हैं। दरअसल ईरान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर अकसर झड़पें होती रही हैं, लेकिन इस तरह की सर्जिकल स्ट्राइक पहली बार हुई है। ईरान और पाकिस्तान आपस में 959 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।

क्यों पाकिस्तान और ईरान बॉर्डर पर भिड़े रहते हैं
खासतौर पर ईरान के सिस्तान और पाक के बलूचिस्तान की सीमा लगती है। सिस्तान प्रांत में ईरान के अल्पसंख्यक सुन्नी मुसलमान रहते हैं, जिनकी संस्कृति बलूचों से मेल खाती है। इनका दावा रहा है कि ईरान में उनका उत्पीड़न होता है और वे भेदभाव के शिकार हैं। ईरान का कहना है कि कई आतंकी संगठन बलूचिस्तान में सक्रिय हैं, जो उसके सीमांत इलाके को टारगेट करते हैं। वहीं पाकिस्तान इससे इनकार करता रहा है। ईरान शिया मुल्क है, जबकि पाकिस्तान सुन्नी बहुल है। ऐसे में दोनों के बीच कुछ मतभेद रहे हैं।

ईरान से क्यों भड़का रहता है जैश अल-अदल
आतंकी संगठन जैश अल-अदल की स्थापना 2012 में हुई थी। इसके नाम का अर्थ 'न्याय की सेना' है। यह आतंकी संगठन बलूचिस्तान के इलाकों में सक्रिय रहा है और ईरान के सिस्तान प्रांत से लगती सीमा पर उसके सुरक्षा बलों को निशाना बनाता रहा है। ईरान ने इस आतंकी संगठन को निशाना बनाने के बाद कहा है कि उसने दो ठिकाने नेस्तनाबूद कर दिए हैं। बता दें कि कई मसलों पर ईरान और पाकिस्तान में मतभेद रहे हैं, लेकिन दोनों के बीच कूटनीतिक संबंध भी बहाल रहे हैं।

 

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