दवा बनाने में भी अन्य राज्यों से आगे निकल रहा यूपी, ड्रग पार्क का काम तेज
उत्तर प्रदेश
प्रदेश सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश अब दवा निर्माण में देश का अग्रणी राज्य बनने की तरफ अग्रसर है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में यमुना अथारिटी में करीब 350 एकड़ भूमि पर मेडिकल डिवाइस पार्क का विकास तेजी से चल रहा है ललितपुर में 2000 एकड़ में बल्क ड्रग पार्क के विकास का काम भी तेज कर दिया गया है। वहीं जेवर में बन रहा मेडटेक पार्क भी राज्य को दवा निर्माण का हब बनाने में अहम भूमिका निभाने की तैयारी में है।
मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह कहते हैं-राज्य में सुधरी बुनियादी सुविधाओं के बाद अहमदाबाद, मुंबई, बंगलुरू, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल के दवा निर्माण से जुड़े उद्यमी भी अब यूपी की तरफ देखने लगे हैं। वैश्विक निवेशक सम्मेलन में इस क्षेत्र में निवेश के लिए कई उद्यमियों ने रुचि दिखाई। इस आकर्षण के पीछे प्रदेश सरकार द्वारा फार्मा में निवेश की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई नीति है।
दवा उद्योगों की स्थापना होने पर सहयोगी मझोले व छोटे उद्योगों की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है। अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक ले जाने में फार्मा सेक्टर की अहम भूमिका होने की तरफ देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में फार्मा सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञ, स्टेक होल्डर्स और उद्यमियों की आमद बढ़ी है। बेहतर रोड कनेक्टिविटी, भूमि बैंक और प्रदेश की बेहतर हुई कानून-व्यवस्था से फार्मा सेक्टर के उद्यमी तेजी से यूपी से जुड़ रहे हैँ। मौजूदा परिदृश्य में यूपी विश्व के फार्मा बाजार में बड़ी भूमिका में नजर आने लगा है। 2017 में प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद से ही स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं के विकास पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री के सलाहकार जीएन सिंह ने बताया कि जेवर में मेडिकल डिवाइस के लिए करीब 120 इकाइयों को उपयुक्त पाया गया है। दो वर्षों में ये इकाइयां शुरू होंगी जिससे दवाओं के निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाएगा।