मंत्री पटेल का सख्त कदम, भ्रष्टाचार में लिप्त OSD को हटाया, विभाग को दी समझाइश
भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार में पंचायत, ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल के OSD की नियुक्ति का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उन्होने खुद इस मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी है। दरअसल, पहले जिस ओएसडी की नियुक्ति की गई थी उसपर भ्रष्टाचार के आरोप के बाद उन्हें हटाकर अब अस्थायी तौर पर नए ओएसडी की नियुक्ति की गई है। इसे लेकर उन्होने नाराजगी जताई है और विभाग को जिम्मेदारी से काम करने की सलाह दी है।
प्रहलाद पटेल ने सोशल मीडिया पर लिखी पोस्ट
प्रहलाद पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि ‘श्रम मंत्रालय भोपाल ने जिन महानुभाव को मेरे साथ अस्थायी तौर पर अटैच किया था उन पर लोकायुक्त जाँच के समाचार के बाद यह पुनः अस्थायी व्यवस्था की गई है। लेकिन मेरा स्पष्ट मत है कि विभाग के प्रमुख ज़िम्मेदारी लेकर स्क्रीनिंग करें ताकि स्थायी या अस्थायी व्यवस्था पूर्णतः निर्दोष रहे।’ इस तरह प्रहलाद पटेल ने स्पष्ट कर दिया है कि विभाग को जिम्मेदारी से पूरी स्क्रीनिंग करते हुए ही कोई कदम उठाना चाहिए।
ये है मामला
दरअसल, राज्य सरकार ने पहले उप श्रमायुक्त इंदौर लक्ष्मीप्रसाद पाठक को प्रहलाद पटेल का विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी) बनाने का आदेश जारी किया था। लेकिन 11 जनवरी को इस आदेश को बदलते हुए बैतूल के श्रम पदाधिकारी धम्मदीप भगत को वर्तमान प्रभार के साथ अस्थायी रूप से ओसडी बनाया गया है। लोकायुक्त में लक्ष्मीप्रसाद पाठक के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामले में केस दर्ज है और इस संबंध में नवंबर 2023 में लोकायुक्त ने श्रम सचिव को चिट्ठी भेजकर न्यायालय में अभियोजन प्रस्तुत करने के लिए स्वीकृति मांगी थी। इस बीच विभाग ने लक्ष्मीप्रसाद पाठक को प्रहलाद पटेल का ओएसडी बना दिया, लेकिन ये मामला सामने आने के बाद प्रहलाद पटेल ने उनकी नियुक्ति निरस्त करा दी है। इसी के साथ ताकीद भी की है कि विभाग के प्रमुख ऐसे मामलों में जिम्मेदारी से काम करें।