Uncategorized

मोहल्ला क्लीनिक में कैसे इतने बड़े घोटाले का लगा आरोप, समझें पूरा खेल

नई दिल्ली
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। कथित शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तलवार लटकी हुई है तो अब दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'मोहल्ला क्लीनिक' की भी सीबीआई जांच हो सकती है। एलजी वीके सक्सेना ने मोहल्ला क्लीनिक में कथित 'फर्जी लैब टेस्ट घोटाले' की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। आरोप है कि मोहल्ला क्लीनिक में लाखों फर्जी टेस्ट के जरिए सरकारी खजाने को अरबों का चूना लगाया गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि केजरीवाल सरकार ने दारू की तरह ही दवा घोटाले को भी अंजाम दिया। वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता और स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इसे केंद्र सरकार की अफसरों की जांच बताकर पल्ला झाड़ लिया। आइए आपको बताते हैं आखिर यह पूरा मामला है क्या और कैसे सामने आया।

एलजी दफ्तर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में होने वाले कई टेस्ट प्राइवेट लैब्स से कराए जाते हैं। इससे जुड़े एक फाइल का निपटारा करते हुए दिसंबर 2022 में एलजी वीके सक्सेना ने इनकी जांच का आदेश दिया था। जांच में कथित तौर पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई और पता चला कि बिना मरीजों के ही लाखों टेस्ट कर दिए गए। इसके बदले दिल्ली सरकार के खजाने से इन निजी लैब्स को पेमेंट भी किया गया। दिल्ली सरकार ने मेसर्स एजिलस डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड और मैसर्स मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर लिमिटेड को ठेका दिया है।

तीन महीने का डेटा खंगाला तो निकली गड़बड़ी
एलजी दफ्तर के सूत्रों ने बताया कि जुलाई से सितंबर 2023 के बीच, तीन महीनों की समीक्षा की गई। दोनों ही कंपनियों से हुए टेस्ट का डेटा खंगालने पर भारी संख्या में गड़बड़ी सामने आई। आरोप है कि फर्जी मरीजों को पंजीकृत करने के लिए अवैध और फर्जी मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया। फिर इनके नाम पर फर्जी टेस्ट कराए गए और इनके बदले पेमेंट भी हुआ।

कैसे फर्जी नंबर से होता था खेल
एलजी दफ्तर से मिली जानकारी के मुताबिक, जुलाई-सितंबर 2023 के बीच मेट्रोपोलिस लैब्स के डेटा विश्लेषण से पता चला कि 3092 मरीजों के नाम के साथ मोबाइल नंबर 9999999999 दर्ज था। 111 मोबाइल नंबर्स ऐसे मिले जिनका इस्तेमाल 15 या इससे अधिक बार किया गया। इस लैब से कुल 85,615 टेस्ट कराए गए थे। मेसर्स एजिलस डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड के डेटा में भी इसी तरह की गड़बड़ी मिलने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक, 11,657 मरीजों के नाम अलग अलग थे लेकिन मोबाइल नंबर '0' दर्ज था। 8199 मरीजों के नाम के साथ कोई मोबाइल नंबर नहीं। 42 मरीजों के नाम के साथ ऐसे मोबाइल नंबर लिखें है जो 1,2,3,4,5 से शुरू हो रहे हैं। 817 मोबाइल नंबर ऐसे मिले हैं जिनका इस्तेमाल 15 से अधिक बार किया गया है। इस लैब से 5,21,221 टेस्ट कराए गए थे।

बिना क्लीनिक आए ही डॉक्टरों की लगती थी हाजिरी
अगस्त 2023 में यह पता चला कि साउथ-वेस्ट दिल्ली, शाहदरा और नॉर्थ-ईस्ट जिलों में सात मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर फर्जी तरीके से अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे थे। पहले से रिकॉर्ड वीडियो के जरिए मोहल्ला क्लीनिक के कर्मचारी उनकी उपस्थिति लगाते थे। इन क्लीनिक में नॉन मेडिकल स्टाफ मरीजों को दवा और टेस्ट लिखते थे। इन कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके इन्हें हटाया जा चुका है।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button