जैसे ही UNSC ने संघर्षविराम के लिए उठाए कदम, IDF ने शरणार्थी शिविर पर की बमबारी; 100 की मौत
नई दिल्ली.
इजरायल-हमास युद्ध का आज 81वां दिन है। दुनियाभर के कई देश और नेता इजरायल पर युद्धविराम के लिए दबाव बना रहे हैं लेकिन इजरायल दिन-ब-दिन गाजा पट्टी पर हमले और तेज करता जा रहा है। पिछले दिनों जैसे ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गाजा पट्टी में स्थायी युद्धविराम के लिए अधिक सहायता और तत्काल कदम उठाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया, वैसे ही अगले दिन से इजरायल ने गाजा पट्टी में अब तक का सबसे घातक आक्रमण शुरू कर दिया। इन दिनों दक्षिणी गाजा में सबसे घातक लड़ाई हो रही है। गाजा में स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि रविवार देर रात इजरायली हवाई हमलों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। इनमें दीर अल-बलाह के पास मघाजी शरणार्थी शिविर के एक आवासीय ब्लॉक पर हुए बम विस्फोटों में कम से कम 70 लोगों की मौत भी शामिल हैं। इसमें खास बात ये है कि लड़ाई से भागने वाले फिलिस्तीनियों के लिए "निकासी क्षेत्र" के रूप में पहचाने जाने के बावजूद दीर अल-बलाह पर भी इजरायल रक्षा बलों ने रातोंरात हमला किया है। फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने दीर अल-बलाह में अल-अक्सा शहीद अस्पताल का एक वीडियो पब्लिश किया है, जिसमें मलबे की धूल में सने और खून से लथपथ बच्चों की लाश दिखाई दे रही हैं। वहां दर्जनों लाशें सफेद बैग भी पैक थे। रात के अंधेरे में मघाजी शरणार्थी शिविर पर इजरायली हमले के दौरान चीख-पुकार मच गई।
इस हमले में अपने कई परिजनों को खोनेवाले अहमद तुर्कोमानी ने न्यूज एजेंसी AP से कहा, "हमलोगों को जानबूझकर निशाना बनाया गया था। हमने इस हमले में अपने कई परिजनों को खो दिया। उसमें हमारी बेटी और नाती भी शामिल है।" इस बीच, इजरायली सेना ने कहा कि वह मघाज़ी घटना की समीक्षा कर रही है। हताहतों की नवीनतम संख्या रविवार को गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय की पूर्व घोषणा के बाद आई है कि इजरायली हवाई हमलों में 24 घंटों में 166 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जो 12 सप्ताह पुराने संघर्ष के सबसे घातक दिनों में से एक था।
7 अक्टूबर को हमास द्वारा इज़रायल पर किए गए हमले के जवाब में इज़रायल द्वारा युद्ध की घोषणा के बाद से 20,400 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के हमले में 1200 इजरायलियों की मौत हो गई थी, जबकि अन्य 240 को बंधक बना लिया गया था। गाजा के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इस साल पूरे इज़रायल और कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में क्रिसमस समारोह रद्द कर दिया गया है।