मऊगंज को जिला बनाने की तैयारियों के बीच दर्जन भर तहसीलों के नाम चर्चा में
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 4 मार्च को रीवा जिले की मऊगंज तहसील में होने वाली सभा के दौरान मऊगंज को जिला बनाने की संभावित घोषणा के बीच प्रदेश में एक दर्जन तहसीलों को जिले की दर्जा देने की मांग विधायकों ने की है। इसमें से आधा दर्जन तहसीलों को जिला बनाए जाने को लेकर तो विधायकों ने विधानसभा के जरिये राजस्व मंत्री से जानकारी भी मांगी है। चुनावी साल में प्रदेश के दर्जन भर जिलों को विभाजित कर तहसीलों को जिला घोषित करने की मांग की जा रही है। जिन तहसीलों को जिला घोषित करने के मामले राजस्व विभाग के पास हैं, उसमें धार जिले की कुक्षी और मनावर तहसील शामिल हैं। मनावर तहसील को जिला बनाने इसी विधानसभा सत्र में विधायक हीरालाल अलावा ने सवाल भी पूछा है। इसी तरह विधायक सुरेश राजे ने ग्वालियर जिले की डबरा तहसील को जिला बनाने को लेकर विधानसभा के जरिये सवाल पूछा है। इसके लिखित जवाब में राजस्व मंत्री द्वारा बताया गया है कि कार्यवाही प्रक्रियाधीन है और परीक्षण चल रहा है। मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील को जिला बनाने को लेकर विधायक बैजनाथ कुशवाहा ने सवाल किया है। उधर मुख्यमंत्री 15 साल पहले मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा सीएम चौहान ने की थी और कहा था कि भाजपा का विधायक बना तो मऊगंज को जिला बना देंगे। तब से लेकर 2018 के चुनाव के पहले तक यहां बीजेपी का विधायक नहीं बना था। अब वहां भाजपा के विधायक प्रदीप पटेल हैं तो सीएम चौहान इस घोषणा पर अमल के आदेश इसी माह दे सकते हैं। यहां एडीएम व एएसपी के स्वीकृत पदों के बाद कलेक्टर और एसपी के पदों पर पदस्थापना के कयास भी 4 मार्च की संभावित घोषणा के मद्देनजर लगाए जा रहे हैं।
इन तहसीलों के नाम भी चर्चा में
जिन अन्य तहसीलों को जिला बनाने के लिए संघर्ष मोर्चा काम कर रहे हैं और मुख्यमंत्री, मंत्रियों और सांसदों तक आवेदन पहुंचे हैं। उसमें जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील, विदिशा जिले की सिरोंज तहसील, सागर जिले की बीना और खुरई (पहले बीना की डिमांड थी अब मंत्री भूपेंद्र सिंह के हस्तक्षेप के चलते खुरई का नाम चल रहा है), नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील को जिला बनाने की मांग शामिल है। देवास जिले के बागली को भी जिला बनाने की घोषणा सीएम कर चुके हैं पर अभी जिला बन नहीं पाया है।