दुर्ग
महिलाएं और बालिकाएं अपने ऊपर होने वाले उत्पीड? अथवा शोषण को बिल्कुल न सहे और इसके विरूद्ध अविलम्ब आवाज उठाएं। यदि कारण से वे महिला आयोग के कार्यालय नही आ पा रही है तो वे व्हाट्सएप पर मैसेज भी कर सकती हैं अथवा एक पत्र भी लिख सकती है। आयोग इन्हें संज्ञान में लेते हुए त्वरित कार्यवाही करेगा। महिला आयोग बीआईटी के सभागार की कार्यशाला में यह बात कही।
महिला आयोग के कॉल सेंटर नम्बर 9098382225 पर यह मैसेज भेजा जा सकता है अथवा कॉल कर अपनी समस्या बताई जा सकती है। डॉ. नायक ने कहा कि विगत दो सालों में दुर्ग संभाग अंतर्गत कुल 16 सुनवाई में 322 प्रकरणों में से कुल 133 प्रकरणों की सुनवाई की जा चुकी है। इस प्रकार पीड़ित महिलाओं को बड़ी राहत दी गई है। उन्होंने कहा कि महतारी न्याय रथ के माध्यम से आयोग द्वारा महिलाओं को उनके हितों के संबंध में जागरूक किया जा रहा है। आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं को हमेशा अन्याय का प्रतिरोध करना चाहिए। इससे उनकी स्वतंत्रता और बढ़ेगी तथा कार्यक्षेत्र में निश्चिंत होकर कार्य कर सकेगी। कार्यशाला को विधायक श्री अरूण वोरा ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर महिला आयोग महती भूमिका निभा रहा है, ऐसी कार्यशालाओं के माध्यम से महिला सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ती है। आयोग द्वारा जो पहल बीते वर्षो में की गई है यह पहल महिला सुरक्षा के लिए नींव का पत्थर साबित हुई है। फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. सुनंदा ढेंगे ने अपराध साक्ष्य संकलन व सुरक्षा के साथ उपस्थित प्रतिभागियों को इस विषय पर प्रकाश डालते हुए पुलिस वालों को महिला अपराध विवेचना संबंधी तथ्यों पर बारीकी से जानकारी दी, साथ ही अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक सुश्री शमीम रहमान ने लैंगिक उत्पीड? व शोषण विषय पर सभी को जागरूक किये हैं। इस मौके पर आयोग के सदस्य डॉ. अनिता रावटे, रिसाली महापौर, श्रीमती शशि सिन्हा एवं अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे।