छत्तीसगढराज्य

नक्सली विज्ञप्ति में नजर आ रही है उनकी अंतिम सांस की छटपटाहट एवं खात्मा का प्रमाण : सुन्दरराज पी.

 

जगदलपुर

नक्सलियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में जिला सुकमा के जगरगुण्डा-कुन्देड़ मुठभेड़ में डीआरजी सुकमा के 06 जवानों के  शहीद तथा 12 जवानों के घायल होने के संबंध में सरासर झूठ एवं अनैतिक तरीके से दुष्प्रचार किया जा रहा है। लेकिन वास्तविक घटना यह है कि उपरोक्त मुठभेड़ में डीआरजी सुकमा, कोबरा एवं सीआरपीएफ द्वारा नक्सलियों के छुपकर हमला करने जैसे कायराना हरकत को मुंहतोड़ जवाब देते हुये अनेक नक्सल कैडर को क्षति पहुंचाकर जंगल का आड़ लेकर भागने हेतु मजबूर किया। इस युद्ध में डीआरजी सुकमा के 03 कमाण्डोज सउनि. रामूराम नाग, आरक्षक कुंजाम जोगा एवं आरक्षक वंजाम भीमा वीरता का सर्वोच्च परिचय देते हुये साहस एवं वीरतापूर्वक लड़ते हुये शहीद हुये। अन्य किसी जवान को किसी भी प्रकार की कोई क्षति अथवा नुकसान नहीं हुआ।

बस्तर आईजी सुन्दरराज पी. द्वारा यह बताया गया कि युद्ध में होने वाले क्षति को छुपाना, झूठ का सहारा लेने जैसे घिनौना हरकत नक्सली संगठन की पहचान है, न कि बस्तर पुलिस की। दक्षिण सब जोनल ब्यूरो नक्सली संगठन द्वारा 25 फरवरी के घटना के संबंध में 01 फरवरी, 2023 की तिथि अंकित की गई जो इस बात का प्रमाण है कि हाल-फिलहाल में नक्सलियों द्वारा कट-कॉपी-पेस्ट तरीके से ही तथ्य विहीन एवं असत्य बातों के माध्यम से सिर्फ गुमराह एवं दुष्प्रचार किया जा रहा है। विगत कुछ दिनों में नक्सली कैडर्स द्वारा जिस तरीके से निहत्थे जनता एवं वाहन, मोबाईल टॉवर को निशाना बनाते हुये अपनी वीरता एवं साहस का परिचय दिया जाकर हमला किया जा रहा है, जिससे नक्सलियों की बौखलाहट एवं घबराहट स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।

उन्होने बताया कि गैरकानूनी एवं प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी संगठन द्वारा इस प्रकार निहत्थे लोग को निशाना बनाने के पीछे विगत वर्षो में जिस तरीके से उनके आधार क्षेत्र के रूप में जानने वाले दण्डकारण्य, स्पेशल जोनल कमेटी क्षेत्र में पुलिस, सुरक्षा बल एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा जनसमर्थन से प्राप्त की गई निर्णायक बढ़त प्रमुख कारण है। नक्सलियों द्वारा विगत 22 वर्षो में 1724 से अधिक निर्दोष ग्रामीणों एवं आदिवासियों को कायराना तरीके से हत्या करते हुये सिर्फ आतंक, भय के बल पर जनता का शोषण करते हुये, डरा धमकाकर लेवी वसूल कर अपना पेट पाल रहे हैं। आज की तारीख में नक्सलियों के पास न कोई नैतिकता है और ना ही कोई जनक्रांतिकारी सिद्धांत का मुद्दा बचा है।  
बस्तर आईजी सुन्दरराज पी. द्वारा सीपीआई नक्सली संगठन के महासचिव बसव राजू को चुनौती देते हुये यह कहा है कि यदि हिम्मत है तो जनक्रांति युद्ध के नाम पर हत्या किये गये किसी एक भी निर्दोष आदिवासियों के परिजन के समक्ष पेश होकर उनके एक भी सवाल का ईमानदारी एवं नैतिकता से जवाब दें। उन्होने यह भी बताया गया कि नक्सलियों के अधीनस्थ कैडर द्वारा सिर्फ अपने नेताओं को गुमराह करने मनमाने ढंग से घटनायें घटित करते हुये उसके माध्यम से मात्र सनसनी फैलाने का काम किया जा रहा है। नक्सलियों की यह हरकत उनकी ताकत नहीं बल्कि कमजोरी की निशानी है, इन हरकतों से नक्सल संगठन का खात्मा अतिशीघ्र होगा।

Pradesh 24 News
       
   

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