जांजगीर चाम्पा / सक्ती
जांजगीर चाम्पा एवं सक्ती जिले के किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त नहरों का मराम्मत करवाया जा रहा है,लेकिन निर्माण एजेंसी इन नहरों का काम इतना घटिया कर रही है कि निर्माण में भारी अनियमितता कार्य होने का संकेत मिल रही हैं।किसानों ने इसकी शिकायत विभाग के अफसरों से की जाएगी। जब रायपुर से जांच टीम निर्माण कार्य की जांच किया जाए तो उनके भी होश उड़ गए और निर्माण एजेंसी निर्धारित मापदण्ड को दरकिनार कर अपनी मनमर्जी से ही नहरों का निर्माण कार्य कर रहा है। नहरों के निर्माण में सीमेंट नाममात्र की है यहां तक कि सीमेंट की मात्रा न के बराबर मिलने की संभावना है जिस हिसाब से नहरें की मराम्मत किये जा रही हैं उस हिसाब से तो नहरें चंद दिन ही चल पाएंगी। हालांकि,अफसरों ने नाराजगी जताने के बजाए ठेकेदारों के साथ दे रहे है दरअसल सक्ती शाखा नहर के अंतर्गत सरहर माईनर,लक्षनपुर माईनर,दर्री माईनर,भागोडीह माईनर एवं दुरपा माईनर के नहरों के सी सी लाइनिंग एवं फिलिग क्षेत्र में टो वाल का निर्माण तक नहरों का मराम्मत होना है।
जिसमें एसएम 1और एसएम 2 का निर्माण कार्य किया जा रहा जिसमे यह सभी जगह की लागत तीन करोड़ 68 लाख रुपये की है और स्थानीय ठेकेदार होने के कारण मनमर्जी से कार्य करवा रहे हौ नहरों के बेस में पीली मिट्टी का बेस बनाकर सी सी निर्माण करवाना है,लेकिन ठेकेदार काली मिट्टी पर ही सीधे सीसी क्रांक्रीट डाल रहे हैं उसमें भी सीमेंट कम रेत की मात्रा अधिक रख रहे हैं,जिससे नहरें निर्माण होने के साथ साथ क्षतिग्रस्त होने की संभावना हैं जिसको लेकर किसानों ने नाराजगी जाहिर की है। .
3 करोड़ 68 लाख से हो रहा निर्माण कार्य, नागरिक बोले- घटिया नहरें बन रही
क्षेत्र के किसानों ने आरोप लगाया है कि किसानों को अंतिम छोर तक पानी नही मिलता है स्थानीय ठेकेदार होने के कारण कोई किसान नही बोल पाते है। क्षेत्र में ठेकेदार की बड़े नेताओं के पास खासी पकड़ बताकर क्षेत्र के किसानों का हक मार रहे है इसका खामियाजा किसान भुगत रहे हैं।
मेसर्स रितेश कुमार अग्रवाल कम्पनी कर रही निर्माण कार्य
सबमाइनर की नहरों के मरम्मत का कार्य मेसर्स रितेश कुमार अग्रवाल कम्पनी को मिला है। जिसमें सक्ती शाखा नहर के अंतर्गत सरहर माईनर,लक्षनपुर माईनर,दर्री माईनर,भागोडीह माईनर एवं दुरपा माईनर के नहरों के सी सी लाइनिंग एवं फिलिग क्षेत्र में टो वाल का कार्य चल रहा है,अमानक स्तर की सीमेंट रेत का उपयोग किया जा रहा है न सी सी निर्माण कार्य में पानी की तराई भी नहीं की गई जिसके कारण सी सी निर्माण महज कुछ हफ़्तों में ही उखड?े लगेगी।करोड़ों रुपए के नहरों उन्नयन कार्य किए जाते हैं ताकि अंतिम छोर के किसान को आसानी से पानी मिल जाए,लेकिन ऐसा नहीं होता क्योंकि विभाग की उदासीनता या सांठ गांठ के चलते काम अमानक स्तर का
इन्होंने कहा
लगातार चल रहे निर्माण कार्यो की देखरेख किया जा रहा है गुणवत्ता में कोई समझौता नही किया जाएगा
पीयूष एक्काएसडीओ, सिचाई एवं जल संसाधन विभाग सक्ती