देश

असम : पर्यावरण फिल्म महोत्सव आज नौ दिसंबर से गुवाहाटी में शुरू होगा

असम : पर्यावरण फिल्म महोत्सव आज नौ दिसंबर से गुवाहाटी में शुरू होगा

गुवाहाटी ऑल लिविंग थिंग्स एनवायर्नमेंटल फिल्म फेस्टिवल 2023 x अगोरा, द स्पेस

गुवाहाटी
 असम के गुवाहाटी में आज नौ से दस दिसंबर तक पहली बार एक पर्यावरण फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। आयोजकों ने  यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि 'ऑल लीविंग थिंग्स एनवायरनमेंटल फिल्म फेस्टिवल' (एएलटी ईएफएफ) का आयोजन 'अगोरा थिएटर स्पेस' में होगा।

एएलटी ईएफएफ के संस्थापक कुणाल खन्ना ने कहा, ''इसे लेकर हम बहुत उत्साहित हैं, क्योंकि हम अपने सहयोगियों के साथ इस महोत्सव को भारत के सभी राज्यों में अपने दर्शकों तक लेकर जा रहे हैं।''

उन्होंने कहा, चूंकि जलवायु संकट धीरे-धीरे बढ़ रहा है और यह सभी को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर रहा है, इसलिए आयोजकों ने देश के प्रमुख पर्यावरण उत्सव को विकेंद्रीकृत करने और राज्यों के दर्शकों को इसमें शामिल होने, सीखने और इसे लेकर काम करने के लिए प्रेरित करने का निर्णय लिया है।

इस महोत्सव के निर्णायक मंडल में ऑस्कर विजेता फिल्म निर्माता, कार्तिकी गोंसाल्वेस शामिल हैं।

एएलटी ईएफएफ, पर्यावरण मुद्दों की वकालत करने वाली फिल्मों का प्रदर्शन करता है। इसकी शुरुआत 2020 में हुई थी।

खन्ना ने कहा कि महोत्सव की सफलता ने भारत के सभी राज्यों में ‘ऑन-ग्राउंड स्क्रीनिंग’ की योजना के साथ इसके विकेन्द्रीकृत मॉडल के महत्वपूर्ण विस्तार को प्रेरित किया।

त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा पीड़ित 15 परिवारों को मिली सरकारी नौकरी

अगरतला
त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने अब तक 09 मार्च-2018 से पहले राजनीतिक हिंसा के कारण मारे गए 15 पीड़ितों के परिवारों को नौकरी प्रदान की है।

कृषि और किसान कल्याण मंत्री रतन लाल नाथ ने यह जानकारी दी।
भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद यह घोषणा की थी कि राजनीतिक रूप से पीड़ित परिवारों ,मुख्य रूप से 1993 से वाम मोर्चा शासन के दौरान, को पर्याप्त सहायता दी जाएगी और कई अनसुलझे मामलों की फिर से जांच शुरू की गई।

नाथ ने कहा कि तदनुसार, 23 दिसंबर, 2020 को राज्य कैबिनेट ने ऐसे पीड़ितों के परिजनों को नौकरी देने का निर्णय लिया। एक जांच समिति का गठन किया गया और समिति की सिफारिशों के आधार पर नौकरियां दी गईं।

उन्होंने कहा, “राजनीतिक हिंसा के पीड़ितों के परिवारों से कुल 26 आवेदन प्राप्त हुए। उनमें से जांच समिति ने 15 नामों की सिफारिश की जिन्हें नौकरियां दी गईं है। ”
इस साल जून में रतन लाल नाथ को अध्यक्ष और आईसीए विभाग के निदेशक को संयोजक के रूप में नियुक्त करते हुए कानून सचिव और अतिरिक्त को मिलाकर जांच समिति का पुनर्गठन किया गया था।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button