चाचा के कहने पर शिंदे-फडणवीस की सरकार में शामिल हुआ, अजित पवार का दावा
मुंबई
अजित पवार ने कहा कि अगर वह (शरद पवार) इस्तीफा नहीं देना चाहते थे तो उन्हें हमें बताना चाहिए था। इस सब की क्या जरूरत थी? अजित पवार ने रायगढ़ जिले के कर्जत में आयोजित पार्टी के दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन यह दावा किया है। उन्होंने दावा किया कि शरद पवार ने बाद के कुछ मौकों पर भी पलटवार किया।
अजित पवार ने कहा, “आखिरकार 2 जुलाई को हम महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए। उन्होंने 17 जुलाई को शपथ लेने वाले सभी मंत्रियों को वाईबी चव्हाण केंद्र में बुलाया। हम अगले दिन उन सभी विधायकों के साथ फिर से वहां गए जो हमारा समर्थन कर रहे थे। उनके करीबी सहयोगियों ने कहा कि ट्रेन पटरी पर है इसलिए हमें उम्मीद थी कि सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा। हमने उनके संदेश का इंतजार किया, जो कभी नहीं आया।''
उन्होंने कहा कि अगस्त में सुलह के संकेत फिर सामने आए, जब शरद पवार ने उन्हें और अन्य बागी नेताओं को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया। अजित पवार ने कहा, “मैं 12 अगस्त को जयंत पाटिल के साथ लंच मीटिंग के लिए गया था। लेकिन फिर कोई और संदेश नहीं आया। अगर वह हमारा समर्थन नहीं करना चाहते थे तो फिर क्यों मिलते रहे और इसके विपरीत संकेत देते रहे। मैं यह आरोप नहीं लगाऊंगा कि उन्होंने मुझे धोखा दिया, लेकिन यह जरूर कहूंगा कि वह मुझे हमेशा अंधेरे में रखते हैं।''
उन्होंने यह भी घोषणा की कि उनका गुट बारामती की उन सभी चार लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा जो 2019 के लोकसभा चुनावों में एनसीपी ने जीती थीं। अजित पवार ने कहा, “सीट बंटवारे की बातचीत के दौरान हम उन सीटों को हासिल करने की कोशिश करेंगे जो वर्तमान में शिवसेना के ठाकरे गुट के पास हैं, लेकिन वहां एनसीपी की भी अच्छी ताकत है। हम सभी को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है ताकि एनडीए आगामी आम चुनाव में अधिकतम सीटें जीत सके।''