अतीक के जेल जाते ही बदले मायावती के सुर , काटा प्रयागराज से शाइस्ता का मेयर का टिकट
प्रयागराज
उमेश पाल मर्डर केस में फरार चल रही माफिया डॉन अतीक अहमद को एक और बड़ा झटका लगा है. मायावती की बहुजन समाज पार्टी के बैनर तले मेयर बनने का उसका सपना टूट गया है. खबर आ रही है कि बसपा प्रयागराज से किसी अन्य प्रत्याशी को मेयर चुनाव में उतार रही हैं. इससे पहले मायावती ने शाइस्ता को प्रयागराज से मेयर प्रत्याशी घोषित किया था. इस घोषणा के बाद शाइस्ता ने तैयारी भी शुरू कर दी थी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड में माफिया डॉन अतीक अहमद का नाम तो है ही, उसके छोटे भाई अशरफ, बेटे अशद के साथ उसकी पत्नी शाइस्ता का भी नाम सामने आया है. इस वारदात के बाद से ही फरार चल रही शाइस्ता की तलाश में प्रयागराज पुलिस और एसटीएफ की टीमें लगातार दबिश दे रहीं हैं. हालांकि अभी तक उसकी कोई खबर नहीं मिली है. इसी बीच गुरुवार की देर शाम चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के ऐलान कर दिए.
इसके बाद सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. सूत्रों के मुताबिक माफिया अतीक को पहले से अंदेशा हो गया था कि वह जेल से बाहर नहीं आ पाएगा. ऐसे हालात में वह प्रयागराज की राजनीति में अपनी ठसक बनाए रखने के लिए अपनी विरासत पहले पत्नी को और फिर बाद में बेटे को ट्रांसफर करने की तैयारी में था. शाइस्ता को मेयर चुनाव में उतारने का फैसला भी इसी रणनीति का हिस्सा था.
इसके लिए उसने पिछले दिनों शाइस्ता को ओवैसी की पार्टी से निकालकर बीएसपी ज्वाइन कराया था. लेकिन उमेश पाल हत्याकांड के बाद बनी स्थिति ने इस पूरी रणनीति पर पानी फेर दिया है. हालात यहां तक आ गए हैं कि शाइस्ता को खुद फरारी काटनी पड़ रही है.
शाइस्ता परवीन का टिकट कटा
शाइस्ता परवीन उमेश पाल शूटआउट केस से दो महीने पहले ही बसपा में शामिल हुईं थी. यूपी में दलित-मुस्लिम का गठजोड़ बनाने में जुटी बसपा ने शाइस्ता को पार्टी ज्वाइन कराने के साथ ही प्रयागराज मेयर का उम्मीदवार घोषित कर दिया था, लेकिन उमेश पाल हत्याकांड में शाइस्ता के नाम आने के बाद बसपा के इस फैसले पर सवाल खड़े होने लगे थे. मामला बढ़ा तो मायावती को खुद इस मामले पर सफाई तक देनी पड़ गई थी. उस वक्त बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर कहा था कि अगर शाइस्ता दोषी साबित होती हैं तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा.
3 अप्रैल को होगा औपचारिक एलान
गुरुवार को अतीक अहमद को सजा का एलान होने के बाद अब मायावती के सुर बदल गए हैं. एक तरफ शाइस्ता परवीन और उसका बेटा असद फरार है जबकि उसके दो नाबालिग बेटों को बाल सरंक्षण गृह में रखा गया है. ऐसे में मायावती अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहती हैं. खबरों की मानें तो शाइस्ता का टिकट काटने का बसपा की ओर से 3 अप्रैल को औपचारिक एलान कर दिया जाएगा. बसपा जल्द ही इस सीट पर अपने नए उम्मीदवार के नाम का एलान करेगी.
आपको बता दें कि निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद गुरुवार शाम को निकाय चुनाव को लेकर आरक्षण की नई सूची जारी कर दी गई है. जिसके बाद बसपा अब इस सीट को लेकर अपनी नई रणनीति बनाने में जुट गई है.