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निकाय चुनाव: लखनऊ व कानपुर में महिला मेयर ही होंगी, इस तारीख तक दें आपत्तियां

 लखनऊ  
यूपी की राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निकाय चुनाव के लिए मेयर व अध्यक्ष की कुल 762 में 760 सीटों और प्रदेश के सभी 13965 वार्डों के आरक्षण की नए सिरे से अनंतिम अधिसूचना गुरुवार को जारी कर दी है। दो निकायों का मामला कोर्ट में विचाराधीन होने की वजह से चुनाव नहीं हो रहा है। नगर निगम मेयर की 17, पालिका परिषद अध्यक्ष की 199 और नगर पंचायत अध्यक्ष की 544 सीटें हैं। इसके साथ ही 5 दिसंबर 2022 को सीटों के आरक्षण की जारी की गई अनंतिम अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है। नई अधिसूचना होने से महिलाओं की 33 सीटें बढ़ी हैं। ओबीसी के हिस्से में आई सीटों की संख्या 205 में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जबकि एससी की आठ सीटें बढ़ गई हैं।

नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने गुरुवार की शाम को जल निगम के फील्ड हॉस्टल संगम में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल विशेष अनुज्ञा याचिका राज्य सरकार बनाम वैभव पांडेय व अन्य में पारित आदेश के आधार पर सीटों का आरक्षण करते हुए इसकी अनंतिम अधिसूचना जारी की गई है। उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप सीटों का आरक्षण किया गया है। इस नई सूची पर आपत्तियों के लिए सात दिन यानी छह अप्रैल शाम छह बजे तक का समय दिया गया है। इसे स्थानीय निकाय निदेशालय सेक्टर-7 गोमतीनगर विस्तार लखनऊ में दिया जा सकता है।
 

सीट आरक्षण की बदली व्यवस्था
उन्होंने बताया कि 762 नगर निकायों में से 760 पर चुनाव होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछली व्यवस्था में बदलाव के लिए नगर निगम और पालिका परिषद अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाया गया। अभी तक नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत को एक यूनिट मानते हुए प्रदेश स्तर पर सीटों का आरक्षण किया जाता था। अधिनियम में संशोधन करते हुए मेयर की सीटों का आरक्षण प्रदेश स्तर, पालिका परिषद मंडल व नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण जिला स्तर पर आबादी और सीटों में बांटते हुए किया गया है।

पालिका में 100 व पंचायतों में 269 सीटें बदली
उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर 2022 को जारी अधिसूचना में नगर पंचायतों में पहले 49 जिलों में अनुसूचित जनजाति का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था। इस वर्ग के खाते में पहले एक सीट गई थी। नई व्यवस्था में दो सीटें आई हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष में महिलाओं के लिए 182 सीटें आरक्षित हुई थीं। नई व्यवस्था में बढ़कर 209 हो गई हैं। पंचायत में कुल 269 सीटों के आरक्षण में बदलाव हुआ है। पालिका परिषद में केवल दो मंडल में अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व नहीं है। देवीपाटन मंडल में पिछली सूची में पिछड़ा वर्ग के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं हुई थी। नए में हिस्सेदारी मिली है। महिलाओं के लिए सीटें 67 से बढ़कर 73 हो गई। कुल 100 सीटों में बदलाव हुआ है।

मेयर की 11 सीटों में हुआ उलटफेर
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नए सिरे से सीटों के आरक्षण में बड़ा उल्टफेर हुआ है। राज्य सरकार द्वारा 5 दिसंबर 2022 और नए आरक्षण में काफी हद तक बदल गया है। मेयर की 17 सीटों में 11 सीटों में बदलाव हुआ है। आगरा, झांसी, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी व बरेली सीटों के आरक्षण में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसके अलावा 11 सीटें पूरी तरह से बदल गई हैं। नगर विकास विभाग सीटों के आरक्षण पर आई आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद इसका अंतिम प्रकाशन कराएगा। राज्य सरकार इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने के लिए कार्यक्रम सौंपेगा। इसके आधार पर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होगी।

13965 नगर निगम वार्डों का आरक्षण भी नए सिरे से
नगर विकास विभाग ने प्रदेश के सभी 13965 वार्डों का आरक्षण भी नए सिरे से किया है। आगरा, झांसी, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद, सहारनपुर, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या और मथुरा-वृंदावन नगर निगमों के साथ 199 पालिका परिषदों और 544 नगर पंचायतों के वार्डों के आरक्षण को नए सिरे से जारी करते हुए इस पर सात दिनों में आपत्तियां मांगी गई हैं।

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