पेड न्यूज के 80 प्रकरणों में 78 उम्मीदवारों को नोटिस जारी
भोपाल
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव-2023 के लिए लागू आचार संहिता के दौरान राजनीतिक पार्टियों के चुनाव प्रचार और पेड न्यूज मामले पर भी सख्ती से नजर रखी जा रही है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से पेड न्यूज के अब तक 80 प्रकरण सामने आए हैं, इसमें से जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी ने 78 प्रकरणों में उम्मीदवारों को नोटिस जारी किये है। 2 प्रकरण ऐसे हैं जो शुरूआती जांच में पेड न्यूज के नहीं निकले इसलिए उन्हें जिला स्तर पर ही निरस्त कर दिया गया है। 30 प्रकरण पेड न्यूज के माने गये है। समिति के समक्ष 48 प्रकरण विचाराधीन है।
भारत निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए पेड न्यूज मामलों की गंभीरता से मॉनिटरिंग कराने के लिए निर्देश दिए हैं। पेड न्यूज मामलों पर शीघ्रता से कार्रवाई के लिए जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी एवं राज्य स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी गठित की गई हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी और राज्य स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी 24 घंटे पेड न्यूज की निगरानी कर रही है। जब भी पेड न्यूज से संबंधित कोई संदेहपूर्ण प्रकरण सामने आता है तो सबसे पहले उसे जिला एमसीएमसी कमेटी को भेजा जाता है। पेड न्यूज के बारे में प्राप्त मामलों पर जिला एमसीएमसी कमेटी प्रारंभिक स्तर पर जांच करती है। अगर जांच में प्रकरण पेड न्यूज का पाया जाता है तो जिस उम्मीदवार से संबंधित पेड न्यूज का प्रकरण है उस विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को निर्देश दिए जाते हैं कि वह उम्मीदार को पेड न्यूज प्रकरणों में जवाब देने के लिए नोटिस जारी करे। अगर संदेहपूर्ण पेड न्यूज मामले प्रारंभिक जांच में सही नहीं पाए जाते हैं तो उन्हें जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी निरस्त कर देती है।
चुनाव खाते में जुड़ता है खर्च
जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग आॅफिसर को निर्देश देती है कि वह संबंधित उम्मीदवार को पेड न्यूज प्रकरणों में जवाब देने के लिए नोटिस जारी करे। उम्मीदवार को पेड न्यूज का नोटिस जारी होने के बाद इस संबंध में अपना जवाब देना होता है। यदि उम्मीदवार 48 घंटे के अंदर जवाब नहीं देता है, तो जिला एमसीएमसी कमेटी इस पूरे मामले पर अपना निर्णय लेती है और पेड न्यूज पर होने वाले खर्च को उम्मीदवार के चुनाव खाते में जोड़ दिया जाता है।