आतिशी ने AK को दी रिपोर्ट, 75 लाख की जमीन 850 करोड़ में बेचने का दावा
नईदिल्ली
दिल्ली की विजिलेंस मिनिस्टर आतिशी ने चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 650 पन्ने की प्राथमिक जांच रिपोर्ट मंगलवार को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है कि प्रथम दृष्टया चीफ सेक्रेटरी ने अपने बेटे की कंपनी को 850 करोड़ रुपये का 'नाजायज' फायदा पहुंचाया।
जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनी ने द्वारका एक्सप्रेसवे के पास 2015 में यह जमीन मात्र 75 लाख रुपये में खरीदी थी। अब महंगे रेट पर भूमि अधिग्रहण हुआ जिससे कंपनी को 850 करोड़ का 'नाजायज' फायदा हुआ। यह भी दावा किया जा रहा है कि चीफ सेक्रेटरी ने बेटे की कई अन्य कंपनियों को भी सरकारी ठेके दिए, इसके चलते अब इन कंपनियों की भी जांच होगी। फिलहाल चीफ सेक्रेटरी की ओर से इस रिपोर्ट पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चीफ सेक्रेटर नरेश कुमार के खिलाफ एक शिकायत के संबंध में विजिलेंस मिनिस्टर आतिशी से रिपोर्ट मांगी थी। कथित तौर पर शिकायत में आरोप लगाया गया है कि एक सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के लिए अधिक मुआवजा पाने वाले एक व्यक्ति के रिश्तेदार ने चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार के बेटे को नौकरी दी। वहीं, चीफ सेक्रेटरी ने इस शिकायत को 'कीचड़' उछालने की हरकत बताया था।
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार को यह शिकायत अक्टूबर में मिली थी, जिसे मुख्यमंत्री ने विजिलेंस मिनिटर आतिशी के पास भेज दिया और उनसे इस विषय पर तथ्यों के साथ विस्तृत रिपोर्ट मांगी। आतिशी के ऑफिस ने एक बयान में कहा कि मुख्य सचिव के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने 'अपने बेटे की कंपनी को करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया।
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के वास्ते भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के बामनौली गांव में 19 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की थी और शुरू में जिला प्रशासन ने इसके लिए मुआवजे की राशि 41.52 करोड़ रुपये तय की थी। जमीन मालिकों ने इस मुआवजे को चुनौती दी थी और अंतत: इस साल मई में दक्षिण पश्चिम दिल्ली के जिलाधिकारी हेमंत कुमार ने इसे बढ़ाकर 353.79 करोड़ रुपये कर दिया। बाद में गृह मंत्रालय ने इस मामले में जिलाधिकारी हेमंत कुमार को बाद में सस्पेंड कर दिया। हाल में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी 353.79 करोड़ रुपये की इस मुआवजा राशि को खारिज कर दिया।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के मुख्य सचिव का बेटा एक रियल एस्टेट कंपनी में काम करता है और उस कंपनी का एक निदेशक बामनौली गांव में अधिग्रहित की गई जमीन के मालिकों में से एक सुभाष चंद कथूरिया का दामाद है। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि 15 मई को मुआवजे की राशि बढ़ाकर 353.79 करोड़ रुपये की गई थी।
वहीं, सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली सरकार के डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार ने कहा था कि चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और 'गंदी राजनीति' का हिस्सा हैं।