इलेक्शन में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता का पैमाना न होना बन सकता है विडंबना
भोपाल
राजनीति में आने के लिए पढ़ाई लिखाई जरूरी नहीं। विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवारों का आंकड़ा तो कम से काम यही कह रहा है। विधानसभा चुनाव में इस बार 28 बिना पढ़े लिखे उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उतरे 2534 उम्मीदवारों में से 28 उम्मीदवार ऐसे हैं जो पढ़े-लिखे नहीं है। कल 162 उम्मीदवार ऐसे हैं जो पांचवी पास है वह आठवीं पास उम्मीदवारों की संख्या 286 है दसवीं पास उम्मीदवारों की संख्या 354 है तो वही 12वीं पास उम्मीदवारों की संख्या 431 है। विधानसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में स्नातक डिग्री धारी उम्मीदवार सर्वाधिक है। ऐसे 452 उम्मीदवार मैदान में है।
स्नातकोत्तर डिग्री धारी उम्मीदवारों की संख्या 406 है और वही व्यावसायिक स्नातक डिग्री धारी उम्मीदवारों की संख्या 226 है।चुनाव मैदान में उतरे 21 उम्मीदवार डॉक्टरेट ले चुके हैं वही 28 उम्मीदवार ऐसे हैं जो डिप्लोमा धारी हैं 6 उम्मीदवारों ने अपनी पढ़ाई लिखाई की कोई जानकारी नहीं दी है। चुनाव मैदान में उतरे कल 1233 यानी 49 सीएसडी उम्मीदवार आॅन की शैक्षणिक योग्यता पांचवी और 12वीं के बीच है वही 1105 यानी 44% उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता स्नातक और इससे अधिक है। 134 उम्मीदवार केवल साक्षर हैं वहीं 28 उम्मीदवार ऐसे हैं जो असाक्षर हैं अपने शपथ पत्र में इन उम्मीदवारों ने यह जानकारी दी है।
पिछले चुनाव के मुकाबले घटी पांचवी पास और बिना पढ़े लिखे उम्मीदवारों की संख्या
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 54 असक्षर उम्मीदवार मैदान में थे तो वही इस बार केवल 28 बिना पढ़े लिखे उम्मीदवार ही मैदान में है। साक्षर उम्मीदवारों की संख्या पिछले चुनाव में 155 थी जो घटकर 134 रह गई है। 2018 के चुनाव में पांचवी पास 195 उम्मीदवार मैदान में थे वहीं इस बार इस तरह के उम्मीदवारों की संख्या 162 है। आठवीं पास उम्मीदवारों की संख्या भी 308 से घटकर 286 रह गई है। इस बार ग्रेजुएट उम्मीदवारों की संख्या बड़ी है पिछली बार जहां 423 ग्रेजुएट उम्मीदवार मैदान में थे वहीं इस बार इनकी संख्या बढ़कर 452 हो गई है। डॉक्टरेट वाले उम्मीदवारों की संख्या पिछले बार के बराबर ही इस बार भी 21 है। व्यावसायिक स्नातक डिग्री धारी उम्मीदवारों की संख्या और स्नातकोत्तर डिग्री धारी उम्मीदवारों की संख्या पिछले चुनाव के मुकाबले कम हो गई है। पिछले बार स्नातकोत्तर डिग्री धारी 424 उम्मीदवार मैदान में थे इस बार इनकी संख्या मात्र 406 है वही प्रोफेशनल डिग्री धारी उम्मीदवारों की संख्या 227 से घटकर 226 रह गई है डिप्लोमा धारा की 31 से घटकर 28 पर आ गए हैं।