राजनीति

मराठा कोटे पर क्या करने जा रहे एकनाथ शिंदे, मनोज पाटिल से बात और मंत्रियों की बढ़ाई सुरक्षा

मुंबई  
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एक बार फिर से भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे पाटिल से सीएम एकनाथ शिंदे ने बात की है। मंगलवार को सीएम ने मनोज पाटिल को फोन लगाया और उन्हें बताया कि सरकार मराठा कोटे को लेकर क्या कदम उठा रही है। उन्होंने मांग की कि वह भूख हड़ताल खत्म कर दें और जल्दी ही इस बारे में फैसला लिया जाएगा। माना जा रहा है कि आज कैबिनेट मीटिंग के दौरान एकनाथ शिंदे सरकार मराठा कोटे को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है। इस बीच निजाम के दौर में कुनबी कहलाने वाले मराठा लोगों को आज से सरकार ओबीसी का सर्टिफिकेट भी बांट रही है। लेकिन ऐसे कुल 11000 परिवार ही होंगे, जिन्हें ओबीसी का दर्जा मिलेगा।

इसी वजह से सरकार की मंशा पर मराठा आंदोलनकारी सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि सिर्फ 11 हजार परिवारों को कुनबी जाति का दर्जा मिलने से बात नहीं बनेगी। करीब 20 मिनट तक सीएम ने पाटिल से बात की और कहा कि हम इस बारे में अच्छे फैसले लेने वाले हैं। उनकी गुजारिश के बाद मनोज पाटिल ने कुछ पानी जरूर पिया, लेकिन कुछ खाया नहीं। आज शाम को राज्य सरकार के कुछ मंत्री भी मनोज पाटिल से मिलने पहुंच रहे हैं और उन्हें सरकार की ओर से उठाए कदमों के बारे में जानकारी देंगे। बता दें कि सोमवार को मराठा कोटे के लिए चल रहा आंदोलन हिंसक हो गया था।

मनोज जारांगे पाटिल को सीएम ने बताई पूरी प्लानिंग
इसके चलते बीड और धाराशिव में कई जगहों पर आगजनी हुई तो कर्फ्यू तक लगाना पड़ गया। दो विधायकों और एक पूर्व मंत्री का घर तक फूंक दिया गया था। सीएमओ की ओर से जारी बयान में बताया कि मनोज जारांगे पाटिल को सीएम ने बताया है कि संदीप शिंदे कमेटी की सिफारिशों के आधार पर मराठा कोटा दिया जाएगा। हमने सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी दाखिल की है ताकि मराठा कोटे को वैलिड साबित कराया जा सके। सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम चाहते हैं कि आरक्षण इस तरह मिले कि वह स्थायी रहे और उस पर कोई आंच भविष्य में भी न आने पाए।

छगन भुजबल की सुरक्षा में क्यों खास इजाफा? क्या है उनको खतरा
इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पुलिस को आदेश दिया है कि वह मंत्रियों और विधायकों के बंगलों की सुरक्षा बढ़ा दे। इसके अलावा एनसीपी के नेता छगन भुजबल और धांगर नेता प्रकाश शेंदगे के घरों की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। इसकी वजह यह है कि छगन भुजबल लगातार मराठाओं को ओबीसी में शामिल करने का विरोध करते रहे हैं। ऐसे में उन पर आंदोलनकारियों का गुस्सा न भड़क जाए। इस आशंका से सरकार ने उनके घर की सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया है। दो उपमुख्यमंत्री और सीएम एकनाथ शिंदे के घर के बाहर भी सुरक्षा का पहरा सख्त है। अजित पवार गुट के सभी दफ्तरों पर भी सतर्कता बरती जा रही है।

 

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