योगी सरकार के छह साल कार्यकाल में बदल चुकी है अयोध्या
अयोध्या
भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ अयोध्या की तस्वीर बदल रही है। केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार दोनों के फोकस में अयोध्या है। इसे विश्व स्तर की धार्मिक पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए करीब 30 हजार करोड़ के विविध प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही अयोध्या आए थे। इस दौरान उन्होंने सभी महत्वपूर्ण योजनाओं को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले (दिसंबर, 2023 तक) पूरा करने का निर्देश अधिकारियों को दिया। इससे निर्माण कार्य में और तेजी आई है।
6 साल पहले योगी सरकार आने के बाद अयोध्या की तस्वीर बदलनी शुरू हुई। फैजाबाद जिला और कमिश्नरी हेडक्वार्टर का नाम हटा कर अयोध्या को यह दर्जा दे दिया गया। साथ ही अयोध्या के नाम पर निगम और विकास प्राधिकरण के नाम बदल दिए गए। यहां तक कि केंद्र सरकार के संस्थान फैजाबाद रेलवे स्टेशन और फैजाबाद डाकघर के नाम भी अयोध्या कैंट और अयोध्या डाकघर कर दिए गए। बीजेपी की डबल इंजन की सरकार के दौरान अयोध्या परिवर्तन की मुहिम यहीं नहीं रुकी। नया अयोध्या रेलवे स्टेशन भी अंतरराष्ट्रीय मानक पर लंबे क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है। इसके प्रथम फेज का काम पूरा हो चुका है। दूसरे और तीसरे फेज का चल रहा है।
इंटरनैशनल एयरपोर्ट का काम आखिरी चरण में
इसके अलावा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनैशनल एयरपोर्ट का निर्माण भी शुरू करवाया गया जो अब पूरा होने जा रहा है। एयरपोर्ट के डायरेक्टर के मुताबिक, दिसंबर 2023 से यहां से डोमेस्टिक उड़ानें शुरू हो जाएंगी। इसके अलावा अयोध्या से अन्य प्रदेशों और नगरों की कनेक्टिविटी बनाने के प्लान पर भी काम तेजी से चल रहा है। वंदे भारत ट्रेन अयोध्या से होकर लखनऊ तक चली है। इसके अलावा करीब आधा दर्जन नई ट्रेनें अयोध्या से होकर जाने लगी हैं। अयोध्या से रामेश्वरम के लिए भी ट्रेन चलाई गई है।
राममंदिर के निर्माण के साथ जिस तरह से अयोध्या में देर भर के श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी है, उससे मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन को अनुमान है कि अगले दो सालों में रोजाना डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंचने लगेंगे। अब सारी कवायद बाहर से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर कर चल रही है। करीब 32 होटल पर्यटन के लाइसेंस हासिल करने के लाइन में हैं। 15 के करीब बन कर तैयार है। इसके अलावा अन्य छोटे होटल रेस्टोरेंट गेस्ट हाउस, होम स्टे और धर्मशालाएं भी बन रही हैं।
हाईवे पर बनेंगे भव्य गेट
अयोध्या की बदली तस्वीर दिखे, इसे ध्यान में रखकर पर्यटन विभाग अयोध्या को जोड़ने वाले सुल्तानपुर, बस्ती, गोंडा, अंबेडकरनगर और रायबरेली हाईवे गेट का निर्माण कर रहा है। जहां पर्यटकों पहुंचते ही प्रभु राम के वंशज और सेवकों के नाम के बने गेट स्वागत करेंगे। जिन पाइंट पर ये गेट बन रहे हैं उसे यात्रियों के सुविधा केंद्र के तौर विकसित करने की योजना है। मसलन सस्ते होटल धर्मशाला गेस्ट हाउस के अलावा पार्किंग, चार्जिग स्टेशन और पेट्रोल पंप सब कुछ रहेगा वहां।
अयोध्या में बाहर से आने वाले टूरिस्ट केवल रामलला और अयोध्या के मंदिरों में दर्शन तक ही सीमित न रह कर यहां कई दिनों तक रूकने का टूर पैकेज बनाएं। इसे ध्यान में रखकर भी कई प्राजेक्ट लांच किए जा रहे हैं। इसमें 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित 150से ज्यादा धार्मिक स्थलों को विकसित करने के साथ 37 कुंड और सरोवरों को टूरिस्ट सेंटर के तौर पर विकसित करने के प्लान पर काम चल रहा है। इसमें आधा दर्जन पर काम भी पूरा हो गया है। इसके साथ सरयू नदी में विहार के साथ मंदिरों के दर्शन के लिए क्रूज सेवा और रोमांचक वाटर स्पोर्ट्स सेवा भी शुरू हो गई है। अयोध्या में आइस पार्क और वैक्स म्यूजियम का प्राजेक्ट भी प्रस्तावित है जिस पर भी काम शुरू होने वाला है।
अयोध्या में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र, अंतरराष्ट्रीय रामकथा म्यूजियम और मंदिर म्यूजियम भी बनने जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय अब राम मंदिर ट्रस्ट के अधीन हो गया है जिसे ट्रस्ट विकसित करने की योजना बना रहा है।तो मंदिर म्यूजियम भी कई एकड़ जमीन पर बनने वाला है जिसमें देश के विभिन्न मंदिर के इतिहास से लेकर इसके निर्माण की तकनीक आदि का प्रजेंटेशन किया जाएगा।
चौड़ी सड़कें, रामायण काल की मूर्तियां
नव्य अयोध्या
विश्व में है चर्चा
अयोध्या में कुछ ऐसे भी प्लान चल रहे हैं जिनकी चर्चा विश्व भर में है। ये हैं दीपोत्सव, फिल्मी कलाकारों की रामलीला और कोरियाई रानी हो का पार्क। अयोध्या आगे के दिनों में कैसी दिखेगी, इसका अनुमान बखूबी लगाया जा सकता है।