भाजपा के 94 और कांग्रेस के 86 प्रत्याशियों की घोषणा अब भी बाकी
भोपाल
भाजपा और कांग्रेस के बाकी की सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने की कवायद अब अंतिम दौर में चल रही है। भाजपा अब तक 136 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है, जबकि कांग्रेस ने रविवार को 144 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। भाजपा को अब 94 उम्मीदवारों का ऐलान करना बाकी है, वहीं कांग्रेस को 86 प्रत्याशियों की घोषणा करना है।
भाजपा की पांचवी सूची आज या कल में आ सकती है। भाजपा अपनी अगली लिस्ट में भी सभी उम्मीदवारों का ऐलान नहीं करेगी। कुछ सीटों को अभी होल्ड रखने का तय हुआ है। इन पर उम्मीदवारों की घोषणा कुछ समय बाद की जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि कुछ नेता अभी भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं। इसलिए उन सीटों को होल्ड पर रखा जाएगा।
कांग्रेस सीईसी की बैठक 18 को
इधर कांग्रेस अपने बाकी के उम्मीदवारों का चयन करने के लिए 18 अक्टूबर को दिल्ली में सेंट्रल इलेक्शन कमेटी (सीईसी) की बैठक होने वाली है। इस बैठक में कांग्रेस 86 सीटों पर मंथन कर सिंगल नाम पर विचार करेगी। हालांकि यह माना जा रहा है कि कांग्रेस की अब अगली सूची में करीब 50 से 60 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर देगी। इसके बाद अब अगली सूची में बाकी के उम्मीदवारों की घोषणा करेगी। सीईसी की बैठक में दक्षिण पश्चिम, भोपाल उत्तर, कुरवाई, सिरोंज, सांची, खुरई, बीना, रेहली सहित अन्य सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर विचार करेगी।
कांग्रेस को था इंतजार अब वारासिवनी से होंगे वे भाजपा उम्मीदवार
कभी कमलनाथ के खास और करीबी माने जाने वाले एक विधायक का कांग्रेस को इंतजार था कि वे उनकी पार्टी का दामन थामेंगे, लेकिन उन्होंने रविवार को भाजपा का दामन थाम लिया। बालाघाट जिले की वारासिवनी विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़े प्रदीप जायसवाल गुड्डा 2018 के चुनाव के पहले तक कमलनाथ के करीब थे, कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनते रहे, लेकिन 2018 में उन्होंने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद अब कांग्रेस को उम्मीद थी कि प्रदीप जायसवाल की घर वापसी होगी, लेकिन रविवार को उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। बताया जाता है कि भाजपा से उनका टिकट पक्का हो गया है।
रिटायर्ड आईएएस राजीव शर्मा भिंड से होंगे कांग्रेस उम्मीदवार!
शहडोल कमिश्नर के पद से वीआरएस लेने वाले आईएएस अफसर राजीव शर्मा ने विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है। वे भिंड से चुनाव लड़ेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि वे जल्द ही कांग्रेस में शामिल होंगे और कांग्रेस उन्हें भिंड से उम्मीदवार बना सकती है। उन्होंने भिंड में चुनाव को लेकर काम करना शुरू कर दिया है।
नारायण त्रिपाठी के कांग्रेस में शामिल होने पर फंसा पेंच
इधर नारायण त्रिपाठी कांग्रेस में शामिल होने वाले थे, लेकिन ऐन वक्त पर एक पेंच फंस गया। अब उनके कांग्रेस में शामिल होने या नहीं होने को लेकर एआईसीसी तक बात होगी। इसके बाद ही उन पर कांग्रेस निर्णय लेगी। दरअसल प्रदेश के एक चर्चित मामले में उनका नाम सामने आया था। उस वक्त प्रदेश में कमलनाथ की सरकार थी। अब यह मामला भाजपा नारायण त्रिपाठी के खिलाफ उठा सकती है। इस मामले के उठने से कांग्रेस को भी नुकसान होने की आशंका हो गई है। इसके चलते पूरी तैयारी होने के बाद भी अचानक से कांग्रेस ने त्रिपाठी को कांग्रेस में शामिल करने के अपने फैसले पर फिर से विचार करने का तय किया है।