मुंगेली.
नगर पालिका का विवादों से गहरा नाता है। हमेशा किसी न किसी बातों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है। हाल ही में बकरी और मवेशी बाजार की राजस्व वसूली में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। 2017 से नगर पालिका के द्वारा बकरी और मवेशी बाजार को ठेका में देने के बजाए नगर पालिका के कर्मचारियों से पशु एवं बकरी बिक्री पंजीयन कराया जाता है और बाजार से बिक्री पंजीयन शुल्क वसूली किया जाता है। इन छह सालों में नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारी एवं प्रभारियों के द्वारा उक्त पंजीयन शुल्क का खूब बंदरबांट किया गया है।
एक आरटीआई कार्यकर्ता अनिल तम्बोली ने बताया कि इन बाजारों के प्रत्येक वर्ष 20 से 25 लाख में नीलामी किया जाता था। और वर्तमान समय में सप्ताह में 10 से 15 हजार रूपये की पशु व बकरी बिक्री पंजीयन शुल्क नगर पालिका के कोष में जमा किया जाता है। ऐसे ही कई सप्ताह तो इन बाजारों से आय शून्य बताया गया है । कुल मिलाकर साल भर में पांच से छह लाख करीब रूपये नगर पालिका में जमा किया जाता रहा है। इस तरह पशु पंजीयन शुल्क प्रत्येक वर्ष लगभग 20 लाख रु जो नगर पालिका के कोष में जाना चाहिए वह इन अधिकारियों कर्मचारियों और संबधित विभाग के प्रभारियों के जेब मे जा रहा है। अनिल तम्बोली ने बताया कि RTI से प्राप्त दस्तावेज के अनुसार नगर पालिका के खाते में जमा किए गए राशि की जानकारी लिया गया तो पाया कि इसमें विगत 6 वर्षों से नगर पालिका कोष को खूब लुटा जा रहा है।
अनिल तम्बोली ने मामले को उजागर करने के लिए मवेशी व बकरी बाजार में जाकर खरीददारों से पशु एवं बकरी खरीदी की पंजीयन पर्ची की पावती इकट्ठा करना शुरू किया जिसमें उसने पाया कि प्रत्येक सप्ताह 90 हजार से लेकर एक लाख रुपए से अधिक की पंजीयन शुल्क बाजार से वसूल किया जाता है और मात्र 10 से 15 हजार रुपये ही नगर पालिका के कोष में जमा किया जाता है। इस तरह प्रत्येक सप्ताह अधिकारी कर्मचारी एवं प्रभारियों के द्वारा नगर पालिका को लाखों का चूना लगाया जा रहा है।
वहीं इस मामले मे दिलचस्प पहलू ये हुआ है की शिकायत से पहले नगर पालिका राजस्व कोस मे मात्र 10 से 15 हजार ही जमा होते थे पर ज़ब से शिकायत हुआ है तब से 90 हजार से लेकर एत लाख से ऊपर की राशि हर सप्ताह जमा होने लगी जो इन अधिकारियो कर्मचारियों और नगरपालिका जनप्रतिनिधि के जेब में जा रहे थे। लएसडीएम आकांक्षा शिक्षा खलखो का कहना है कि जांच के लिए टीम गठित कर दिया गया है। रिपोर्ट आने पर दोषी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। जबकि वास्तविकता यह है कि इस मामले में दो माह पूर्व शिकायत किया गया है और शिकायत कर्ता ने सभी अधिकारियो के पास 50 पन्नों मे सबूत के साथ शिकायत किया है। उसके बाद भी न कलेक्टर ने और न मुंगेली एसडीएम ने आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं की।