Israel में पैराग्लाइडिंग अटैक से Indian Air Force ने लिया सबक ?
नईदिल्ली
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) अपनी 91वां स्थापना दिवस मना रहा है. इस मौके पर देश भर में शक्ति प्रदर्शन हो रहा है. गुवाहाटी में एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल एसपी धरकड़ ने कहा कि हम इजरायल और हमास युद्ध से काफी कुछ सीख रहे हैं. भारत की हवाई सुरक्षा अत्यधिक मजबूत और ताकतवर है.
उन्होंने कहा कि हम किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. भारतीय वायुसेना लगतारा इजरायल हमास युद्ध पर नजर रख रही है. हमें पता है कि इजरायल में किस तरह से हमला हुआ है. हमारा देश पांच देशों की सीमाएं साझा करता है. इसकी लंबाई बहुत ज्यादा है. इजरायल की तरह छोटी नहीं है.
भारत में भी पाकिस्तान सीमा पर, पीओके की तरफ से, म्यामांर की तरफ से ड्रोन के जरिए हथियारों और ड्रग्स की स्मगलिंग होती रहती है. लेकिन भारतीय सेना, बीएसएफ और वायुसेना की कड़ी निगरानी की वजह से सफल नहीं हो पाते. आमतौर पर जिस तरह के ड्रोन्स मार गिराए जाते हैं, उनमें से ज्यादातर चीन में बने हुए होते हैं. ये बात कई बार प्रमाणित हो चुकी है कि पाकिस्तान, म्यांमार को चीन की तरफ से ड्रोन्स और अन्य तरह की मदद मिलती रहती है.
हमारी सीमाएं बड़ी और चुनौतियां भी अलग
एसपी धरकड़ ने कहा कि हमारे देश की सीमाएं 20 हजार फीट की ऊंचाई से घने जंगलों और रेगिस्तानी इलाकों में मौजूद हैं. भारतीय वायुसेना के लिए चुनौती ज्यादा और अलग है. लेकिन हमारी सेना पूरी तरह से तैयार है. हम सीमाओं पर अत्याधुनिक हथियार, तकनीक और यंत्र लगा रहे हैं. ताकि किसी भी तरह की घुसपैठ संभव न हो पाए. एसपी धरकड़ इजरायल में पैराग्लाइडर के जरिए हुई घुसपैठ की तरफ इशारा कर रहे थे.
वायुसेना के पास भयानक राडार सिस्टम
भारतीय वायुसेना के पूर्वी कमांड के दो हिस्से हैं. इसका अपना कंट्रोल और कमांड सिस्टम है. यह कमांड बेहद अत्याधुनिक और ताकतवर बेस में आता है. हमारा अपना नेटवर्क है. इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सिस्टम है. पूर्वी कमांड के अंदर आने वाली सभी सीमाओं पर बड़े पैमाने पर राडार सिस्टम लगे हैं. दुश्मन छिप ही नहीं सकता.
बेस के बीच का गैप जेट्स पूरा कर देते हैं
जब एसपी धरकड़ से पूछा गया कि भारत बड़ा देश है. एयरफोर्स बेसों के बीच काफी ज्यादा गैप है. ऐसे में सुरक्षा कितनी मिलेगी. तब उन्होंने बताया कि अगर हम फिलहाल फाइटर जेट्स के बेस की बात करें तो हमें पीसटाइम में इनकी संख्या और बेस को बढ़ाना होगा. इन बेस पर ट्रेनिंग और प्रैक्टिस होगी. लेकिन हमारे बेस के बीच का गैप हमारे फाइटर जेट्स पूरा कर लेते हैं. हम किसी भी बेस से दुश्मन को गिराने की क्षमता रखते हैं.
किसी भी समय कहीं भी पहुंचने में सक्षम
हम एक बेस से दूसरे बेस तक बेहद कम समय में अपने फाइटर जेट्स को पहुंचा सकते हैं. हम किसी भी तरह के एसेट्स को किसी भी बेस पर दूसरे बेस से पहुंचाने में सक्षम हैं. हमारे पास दो राफेल स्क्वाड्स हैं. अगर जरूरत पड़ेगी तो और स्क्वाड्स बन जाएंगे. यह फैसला सरकार और सेना मुख्यालय लेगी. वायुसेना के स्थापना दिवस पर आसमान एयर शो का आयोजन हुआ. इस मौके पर सारंग हेलिकॉप्टर, एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर, चिनूक, डॉर्नियर एयरक्राफ्ट के साथ-साथ सुखोई सू-30 और राफेल ने भी अपनी ताकत का प्रदर्शन किया.