राजनाथ सिंह ने इतालवी रक्षा मंत्री के साथ बैठक कर रक्षा सहयोग पर किया समझौता
-यात्रा के अगले चरण में फ्रांस जाएंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, 5वीं वार्षिक रक्षा वार्ता करेंगे
-भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान खरीदने के सौदे पर भी होगी चर्चा
नई दिल्ली
इटली और फ्रांस के दौरे पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रोम में अपने इतालवी समकक्ष गुइडो क्रोसेटो के साथ बैठक की। उन्होंने भारत और इटली के बीच रक्षा सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किए। राजनाथ सिंह के साथ प्रशिक्षण, सूचना साझाकरण और समुद्री सुरक्षा सहित रक्षा सहयोग से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "रोम में इतालवी रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो के साथ गर्मजोशी भरी और सार्थक बैठक हुई। हमने रक्षा सहयोग से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें प्रशिक्षण, सूचना साझा करना और समुद्री सुरक्षा शामिल था।" उन्होंने कहा कि दोनों देश रक्षा साझेदारी और मजबूत करने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा, "भारत और इटली के बीच रक्षा सहयोग पर एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। हम अपनी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।"
राजनाथ सिंह की दो देशों की यात्रा के पहले चरण के दौरान उनका रोम में इतालवी रक्षा मंत्री गुइडो क्रिसेटो से मिलने का कार्यक्रम था। इतालवी प्रधानमंत्री की मार्च, 2023 में भारत यात्रा के दौरान भारत और इटली के बीच संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था। दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक और आधिकारिक स्तर पर यात्राओं का नियमित आदान-प्रदान होता रहा है। वह औद्योगिक सहयोग के संभावित अवसरों पर चर्चा करने के लिए फ्रांसीसी रक्षा उद्योग के सीईओ और वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत करेंगे।
राजनाथ सिंह यात्रा के दूसरे और अंतिम चरण में अपने समकक्ष फ्रांसीसी सशस्त्र बल मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू के साथ 5वीं वार्षिक रक्षा वार्ता का संचालन करेंगे। भारत और फ्रांस ने हाल ही में रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया। दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण औद्योगिक सहयोग सहित गहरे और व्यापक द्विपक्षीय रक्षा संबंध हैं। रक्षा मंत्री की फ्रांस यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब भारत भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रहा है।
फ्रांसीसी डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर 26 अत्याधुनिक राफेल-एम फाइटर जेट खरीदने के लिए भारतीय नौसेना सौदे पर आगे की बातचीत के लिए भारत पहुंचे। भारतीय नौसेना वाहक आईएनएस विक्रांत पर तैनात करने के लिए भारत और फ्रांस सरकार से सरकार मार्ग से इस बहु अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर करना चाह रहे हैं। भारतीय नौसेना ने अमेरिकी जेट एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट को खारिज करके फ्रांसीसी राफेल एम का सौदा करने का विकल्प चुना है।
लोक सभा की विशेषाधिकार समिति के सामने पेश नहीं हुए रमेश बिधूड़ी
नई दिल्ली
बसपा सांसद दानिश अली पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में लोक सभा की विशेषाधिकार समिति द्वारा तलब किए जाने के बावजूद भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी समिति के सामने पेश नहीं हुए।
बताया जा रहा है कि, राजस्थान विधान सभा चुनाव में व्यस्त होने के कारण रमेश बिधूड़ी आज लोक सभा की विशेषाधिकार समिति के सामने पेश नहीं हो पाए।
सूत्रों की माने तो, बिधूड़ी ने विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह को पत्र लिखकर यह सूचित कर दिया था कि वह आज समिति के सामने पेश नहीं हो पाएंगे।
दरअसल, बसपा सांसद दानिश अली और भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी विवाद पर लोक सभा की विशेषाधिकार समिति ने आज पहली बैठक बुलाई थी जिसमें आज समिति ने भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया था।
आपको याद दिला दें कि, संसद के विशेष सत्र में लोक सभा में ‘चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां’ पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने पिछले महीने 21 सितंबर को दानिश अली के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था।
दानिश अली के अलावा लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, टीएमसी सांसद अपरूपा पोद्दार, डीएमके सांसद कनिमोझी सहित विपक्ष के कई अन्य सांसदों ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
वहीं दूसरी तरफ, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और रवि किशन ने भी लोक सभा अध्यक्ष बिरला को पत्र लिखकर दावा किया था कि पहले अली ने बिधूड़ी को उकसाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। भाजपा राज्य सभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने भी स्पीकर को पत्र लिखकर दानिश अली के व्यवहार की शिकायत की थी।
सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ही पक्षों ने स्पीकर से इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेज कर जांच करवाने का आग्रह किया था। दोनों पक्षों की तरफ से कई सांसदों की शिकायत मिलने के बाद लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी शिकायतों को सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजते हुए पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था।