देश की पहली प्राइवेट सोने की खान से अगले साल के अंत तक शुरू होगा उत्पादन, हर साल निकलेगा 750 किलो सोना
नई दिल्ली
डेक्कन गोल्ड माइंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (MD) हनुमा प्रसाद ने कहा कि आंध्र प्रदेश में देश की पहली बड़ी निजी सोने की खदान में पूर्ण पैमाने पर उत्पादन अगले साल के अंत तक शुरू हो जाएगा। प्रसाद ने एक इंटरव्यू में कहा कि जोन्नागिरी स्वर्ण परियोजना जिसमें शुरुआती स्तर पर काम पहले ही शुरू हो चुका है, उसके तहत पूर्ण पैमाने पर उत्पादन शुरू होने के बाद प्रति वर्ष करीब 750 किलोग्राम सोने का उत्पादन होगा।
BSE पर लिस्टेड पहली और एकमात्र सोने की खोज करने वाली कंपनी डेक्कन गोल्ड माइन्स लिमिटेड (DGML) की जियोमिसोर सर्विसेज इंडिया लिमिटेड में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो जोन्नागिरी में निजी क्षेत्र की पहली सोने की खदान पर काम कर रही है। यह खदान जिसमें अब तक कुल करीब 200 करोड़ रुपS का निवेश किया गया है, वर्तमान में प्रति माह लगभग एक किलोग्राम सोने का उत्पादन कर रही है।
आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित है जोन्नागिरी खदान
प्रसाद ने कहा, ‘‘भारतीय खदान (जोन्नागिरी परियोजना) में निर्माण कार्य चल रहा है। अगले साल अक्टूबर-नवंबर के आसपास यहां (पूर्ण रूप से) उत्पादन शुरू हो जाएगा।’’ सोने की खदान आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में तुग्गली मंडलम के भीतर जोन्नागिरी, एर्रागुडी और पगदिराई गांवों के पास स्थित है। प्रसाद ने कहा, ‘‘खदान…2013 में दी गई थी। (परियोजना के तहत) खोज का काम पूरा करने में करीब आठ से 10 साल का समय लग गया।’’ प्रबंध निदेशक ने बताया कि किर्गिस्तान में कंपनी की एक अन्य सोने की खनन परियोजना के तहत उत्पादन 2024 अक्टूबर या नवंबर में शुरू होने की संभावना है। उसमें DGML की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा, ‘‘अल्टीन टोर गोल्ड परियोजना के तहत प्रति वर्ष करीब 400 किलोग्राम सोने का उत्पादन होगा।’’
जोन्नागिरी परियोजना क्या है
जोन्नागिरी गोल्ड परियोजना एक गोल्ड खनन परियोजना है जो भारत में स्थित है। यह परियोजना तेलंगाना राज्य के महबूबनगर जिले में स्थित है। यह खनन परियोजना भारत सरकार द्वारा अनुसंधान और विकास के लिए स्थापित की गई थी ताकि भू-खदान विधेयक के तहत गोल्ड के खनन को बढ़ावा दिया जा सके। इस परियोजना के लिए खनन क्षेत्र को तेलंगाना राज्य सरकार ने स्वीकृति दी है। यहां गोल्ड खदानों से संबंधित तकनीकी, आर्थिक और पर्यावरणीय विवरणों का अध्ययन और खनन कार्य किया जाएगा।