यूपी में कर्मचारियों की मिलीभगत से बेलगाम हुए भूमाफिया
देवरिया
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में फतेहपुर के लेहड़ा टोला में हुए जघन्य हत्याकांड का कारण भले ही दो परिवारों के बीच जमीनी विवाद को बताया जा रहा हो, लेकिन इसकी जड़ें बहुत ही गहरी धंसी हैं। सत्य प्रकाश दूबे के भाई के हिस्से की जमीन को औने-पौने दाम पर लिखवाकर प्रेमचंद यादव ने कब्जा करने की जो कोशिश की। विवाद बढ़ा तो नरसंहार तक पहुंच गया। प्रेमचंद यादव भी मारा गया और दूबे परिवार के पांच लोगों की भी हत्या कर दी गयी। सत्य प्रकाश दूबे का परिवार बेहद गरीब था, जमीन ही उसके पास जीने का साधन था। प्रेमचंद यादव ने 2014 में सत्य प्रकाश के अविवाहित एवं मंदबुद्धि भाई साधु दूबे की 8 बीघे जमीन को अपने भाई रामजी यादव के नाम लिखवा दिया।
बताया जा रहा है कि उसने साधु दूबे को कहा कि वह उसका आधार कार्ड बनवा देगा और आधार कार्ड बनवाने के बहाने रजिस्ट्री पेपर पर हस्तक्षर ले लिये। तब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और प्रेमचंद यादव की हनक चलती थी। वह जिला पंचायत का सदस्य था और जमीन हड़पने की अपनी भूख को शांत कर रहा था। सबसे बड़ी बात यह थी कि दोनों दूबे भाइयों में जमीन का आपस में बंटवारा नहीं हुआ था, इसके बावजूद साधु दूबे को धोखे में रखकर प्रेमचंद यादव ने उनके हिस्से की जमीन अपने नाम करा ली थी।
प्रेमचंद को भरोसा था कि वह अपनी सरकार में उक्त जमीन पर आसानी से कब्जा कर लेगा, लेकिन सत्य प्रकाश दूबे के कोर्ट चले जाने के चलते उसकी योजना परवान नहीं चढ़ पाई। लेकिन जमीन प्रेमचंद के कब्जे से मुक्त भी नहीं हो पायी। एक बार फसल बोई सत्य प्रकाश दूबे ने तो बंदूक के बल पर प्रेमचंद काट ले गया। जमीन बैनामा कराने के कुछ समय बाद तक तो प्रेमचंद यादव ने साधु दूबे को अपने साथ रखा। जब लिखा-पढ़ी कुछ पुख्ता हो गई तो उसने साधु को अपने घर से निकाल दिया।