UP में इसी महीने BJP का बड़ा अभियान
लखनऊ
भाजपा उत्तर प्रदेश के हर दरवाजे जाएगी। महिलाओं और दलितों से संपर्क साधेगी। महिलाओं को मोदी सरकार के नारी शक्ति वंदन अधिनियम के बारे में बताएंगे। बूथ स्तर पर ‘धन्यवाद मोदीजी’ रैली निकाली जाएंगी। 8 से 31 अक्तूबर के बीच प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में महिला सम्मेलन होंगे। हर सम्मेलन में 2 हजार महिलाएं जुटेंगी। हर बूथ से कम से कम पांच महिलाओं की मौजूदगी रहेगी।
दोनों अभियानों के रोडमैप पर चर्चा के लिए गुरुवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पार्टी मुख्यालय में अवध क्षेत्र और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने गोरखपुर में गोरक्ष क्षेत्र के पदाधिकारियों संग चर्चा की। बैठक में भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने ‘नारी सशक्ति वंदन अधिनियम‘ बनाकर महिलाओं के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए महत्वपूर्ण निर्णय किया है। अधिनियम से महिलाओं को जनप्रतिनिधि के रूप में नेतृत्व का मौका मिलेगा। भाजपा पहली ऐसी राजनीतिक पार्टी है जिसने अपने संगठन में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित कर उनकी हिस्सेदारी सुनिश्चित की है।
महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष गीता शाक्य ने कहा कि महिला मोर्चा कार्यकर्ता बूथ स्तर पर पदयात्रा निकाल कर अधिनियम के लिए मोदीजी को धन्यवाद ज्ञापित करेंगी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए अवध क्षेत्र के अध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने कहा कि नारी शक्ति वंदन सम्मेलन की तैयारियों में पार्टी कार्यकर्ता अभी से जुट जाएं। विधान स्तर पर होने वाले सम्मेलनों और बूथ स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में प्रत्येक क्षेत्र से सहभागिता के लिए अभी से योजनापूर्वक कार्य करना होगा। बैठक में मंत्री रजनी तिवारी व प्रतिभा शुक्ला, प्रदेश महामंत्री प्रियंका रावत, प्रदेश मंत्री अर्चना मिश्रा, शंकर लाल लोधी, क्षेत्रीय अध्यक्ष महिला मोर्चा गोदावरी मिश्रा, क्षेत्रीय महामंत्री नीरज वर्मा, महापौर सुषमा खर्कवाल, जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख मौजूद थे।
अवध क्षेत्र का दलित सम्मेलन 2 नवंबर को
भाजपा 8 अक्तूबर से 2 नवंबर के बीच प्रदेश में क्षेत्रवार 6 दलित सम्मेलन करेगी। अवध क्षेत्र का सम्मेलन दो नवंबर को होगा जबकि पश्चिम का सम्मेलन 15 और काशी का 27 अक्तूबर को होगा। सम्मेलनों में केंद्र व प्रदेश के बड़े पार्टी नेता भाग लेंगे। हर सम्मेलन में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से करीब दो हजार की संख्या लाने का लक्ष्य रखा गया है। इन सम्मेलनों के लिए दलित बस्तियों में संपर्क व संवाद के लिए पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी जा रही है।