निजी विवि विनियामक आयोग के अध्यक्ष भरत शरण सिंह की नियुक्ति पर पुनर्विचार
भोपाल
प्रदेश में तीन दर्जन से ज्यादा विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। कई निजी विवि विद्यार्थियों को सिर्फ रुपए देकर फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट आवंटित कर रहे हैं। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंच गई है। जहां तत्कालीन प्रमुख सचिव शैलेंद्र सिंह ने निजी विवि विनियामक आयोग के अध्यक्ष भरत शरण सिंह की नियुक्ति पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।
सिर्फ मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलने पर उन्हें पद से हटाने की अनुशंसा की राज्यपाल से की जा सकती है। तेलंगाना पुलिस ने सागर में संचालित स्वामी विवेकानंद निजी विवि के अधिकारियों को फर्जी मार्कशीट और डिग्री देने की शिकायतों पर गिरफ्तार किया था। इसे लेकर आयोग में भी विद्यार्थियों ने शिकायतें दर्ज कराई।
इसे लेकर दो जांच समितियों ने कार्य किया। एक समिति ने शिकायतों को दरकिनार कर विवि को क्लीनचिट दे दी, जिसे लेकर आयोग अध्यक्ष ने भी विद्यार्थियों की शिकायतों को तवज्जो नहीं दिया। तब विद्यार्थियों ने तत्कालीन प्रमुख सचिव को शिकायत दर्ज करार्इं। तब उन्होंने आयोग अध्यक्ष को हटाने के लिए सीएम को उनकी नियुक्ति पर पुनर्विचार करने फाइल भेजी।
राज्यपाल करते हैं आयोग अध्यक्ष की नियुक्ति
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री जल्द ही आयोग अध्यक्ष सिंह की पुर्नविचार की फाइल पर विचार करेंगे। जैसे ही वे तत्कालीन प्रमुख सचिव सिंह द्वारा आयोग अध्यक्ष पर लगाए गए आरोपों से सहमत हो जाते हैं, तो सीएम चौहान उनकी नियुक्ति को निरस्त करने के लिए राज्यपाल मंगुभाई पटेल से अनुशंसा करेंगे। क्योंकि आयोग अध्यक्ष की नियुक्ति राज्यपाल करते हैं।
जांच पूरी हो गई है…
शासन द्वारा स्वामी विवेकानंद निजी विवि की जांच दी गई थी, जिसे पूर्ण कर भेज दिया गया है।
– डॉ. मथुरा प्रसाद, अतिरिक्त संचालक, भोपाल नर्मदापुरम संभाग
स्वामी विवेकानंद निजी विवि की जांच शासन स्तर पर की गई है।
– भरत शरण सिंह, अध्यक्ष, निजी विवि विनियामक आयोग