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तारा शाहदेव पर धर्मांतरण का दबाव, रकीबुल को उम्रकैद, जानिए पूरा मामला

रांची

झारखंड के आठ साल पुराने चर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा का ऐलान कर दिया है. कोर्ट ने मुख्य आरोपी रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल को उम्रकैद की सजा सुनाई है. रंजीत की मां कौशल रानी को 10 साल की सजा तो वहीं पूर्व और बर्खास्त हाईकोर्ट रजिस्ट्रार (विजिलेंस) मुस्ताक अहमद को 15 साल की सजा सुनाई गई है. अदालत ने तीनों को अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दिया था. अदालत ने तीनों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

इससे पहले रांची के स्पेशल सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने इस केस में अपना फैसला सुना दिया था. अदालत ने रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल, उसकी मां कौशल रानी और हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद को दोषी करार दिया था. इस मामले को 2015 में सीबीआई ने टेक ओवर कर लिया था. नेशनल शूटर तारा ने जुलाई 2014 में यौन उत्पीडन, दहेज उत्पीड़ीन और धर्म परिवर्तन के लिए उत्पीड़न का आरोप लगाया था. 2018 में चार्जशीट स्पेशल सीबीआई कोर्ट में दाखिल किया गया था. लव जिहाद से जुड़ा ये मामला देश भर में सुर्खियों में रहा था.

रकीबुल ने धोखा देकर तारा से की थी शादी

तारा शाहदेव ने रंजीत सिंह कोहली पर धोखा देकर शादी करने का आरोप लगाया था. शाहदेव ने बताया था कि उन्होंने 7 जुलाई 2014 को हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन से शादी की थी. लेकिन शादी के दूसरे दिन ही उसके पति और रजिस्ट्रार अहमद उस पर धर्म परिवर्तन कर निकाह करने का दबाव बनाने लगे थे. शादी के बाद तारा शाहदेव को पता चला था कि रंजीत सिंह कोहली पहले ही अपना धर्म बदलकर इस्लाम धर्म कबूल कर चुका था और उसने अपना नाम रकीबुल हसन रख लिया था. तारा शाहदेव से शादी के बाद रंजीत उर्फ रकीबुल उस पर इस्‍लाम धर्म कबूलने का दबाव बनाने लगा था.

इस्लाम कबूल करने का बनाते थे दबाव

पुलिस में दर्ज कराए गए मामले के मुताबिक, ऐसा नहीं करने पर उसकी पिटाई की जाती थी और कुत्ते से भी कटवाया जाता था. तारा शाहदेव के मुताबिक, कई-कई दिनों तक उसे खाना भी नहीं दिया जाता था. रकीबुल और उसकी मां दोनों तारा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया करते थे. साथ ही धमकी दी जाती थी कि अगर वह चाहती है कि उसकी शादीशुदा जिंदगी खुशहाल रहे तो वह इस्लाम कबूल कर ले.तारा को चेतावनी थी कि वह 'सिंदूर' न लगाए नहीं तो उसके हाथ तोड़ दिए जाएंगे. ससुराल वालों की ओर से दहेज की भी मांग की गई. तारा के भाई के आने के बाद उसको मुक्त कराया गया था. कोहली के वकील मुख्तार अहमद खान के मुताबिक वह सजा के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

 

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