भोपालमध्यप्रदेश

आजीविका मिशन की बहने अब अबला नहीं सबला- मुख्यमंत्री चौहान

अपनी बहनों और बेटियों का भला करने धरती पर आया
राज्य स्तरीय कार्यक्रम में स्व सहायता समूह की बहनों को 1400 स्कूटी और ऋण वितरित
महिला स्व-सहायता समूह सम्मेलन को किया संबोधित

भोपाल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आजीविका मिशन की बहने अब अबला नहीं सबला हो गई है। पहले स्त्री का काम घर में रोटी बनाना, अभाव में जीना और तकलीफ को दिल में दबा लेना होता था। लेकिन अब दिन बदल गए हैं। आजीविका मिशन की बहने कई जगह पुरुषों से बेहतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री चौहान जंबूरी मैदान में महिला स्व-सहायता समूह सम्मेलन और राज्य स्तरीय 1400 स्कूटी एवं ऋण वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वह धरती पर अपनी बहनों और बेटियों का भला करने के लिए आए हैं। अब बहने गरीब नहीं रहेंगी, आंसू नहीं बहाएंगी। अपनी तकदीर अपने हाथों से लिखेंगी। अमीर बनेगी, पैसा कमाएंगी और इज्जत- सम्मान की जिंदगी जीयेंगी। बहनों का साथ शिवराज भैया कभी नहीं छोड़ेंगे। जब तक जीयूंगा अपनी बहनों से जुड़ा रहूंगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पर्यावरण मित्र के रूप में कार्य करने के लिए महिला संकुल स्तरीय संगठनों की बहनों को 1400 स्कूटीयों का वितरण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने आशीष स्वरूप बहनों को अपने हाथों से हेलमेट पहनाया और शुभकामनाएं दी। ग्रामीण स्तर पर लोगों को पर्यावरण के लिए जागरूक करने के लिए क्लस्टर लेवल फेडरेशन का गठन किया गया है। इस फेडरेशन के सदस्यों को पर्यावरण मित्र का नाम दिया गया है। पर्यावरण मित्र वृक्षारोपण और जैव विविधता का संरक्षण करने, ग्राम में जैविक खाद की आवश्यकता की पूर्ति स्थानीय स्तर पर करने, रासायनिक कीटनाशकों की उपयोग में कमी लाने, प्राकृतिक खेती और जैविक खेती सहित भूमि एवं जल संरक्षण के उपाय के लिए प्रेरित करने का कार्य करेंगे।

मुख्यमंत्री चौहान ने महिला स्व सहायता समूह की हितग्राहियों को ऋण राशि का बैंक चेक वितरित किया। भोपाल के कंचन स्व सहायता समूह की बहनों को 20 लख रुपए और रायसेन की मां लक्ष्मी आजीविका स्व-सहायता समूह की बहनों को 10 लख रुपए का चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री चौहान ने नृत्य नाटिका प्रस्तुत करने वाली और गीत गाने वाली बहनों के साथ समूह चित्र भी खिंचवाया।

बेटी को बोझ नहीं वरदान बनाएंगे

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बेटी के जन्म पर सभी खुशियां मनाएं इसलिए लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू की। योजना में तय किया कि बेटी अगर पैदा होगी तो लखपति पैदा होगी। यह निश्चय किया कि बेटियों को बोझ नहीं वरदान बनाएंगे। बेटी पैदा हुई तो लाडली लक्ष्मी, स्कूल जाए तो किताबें निशुल्क, दूसरे गांव जाए तो साइकिल। इस तरह पढ़ाई की पूरी व्यवस्था और बड़ी होने पर शादी के जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में उठाई जा रही है।

प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को बताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा प्रदेश की बहनों को निकाय चुनाव और शिक्षक भर्ती में 50%, पुलिस भर्ती में 30% और अन्य भर्तियों में 35% आरक्षण दिया जा रहा है। जमीन या मकान की रजिस्ट्री घर की महिला के नाम पर करने पर पंजीयन शुल्क में छूट दी जा रही है। लाड़ली बहना योजना से घर में इज्जत बढ़ी है। महिला स्वयं सहायता समूह की बहनों ने हर क्षेत्र में अपनी समर्थकता को सिद्ध किया है। जिस तरह टोल टैक्स वसूलने का कार्य स्व सहायता समूह की बहनों को दिया गया है इसी तरह आगामी समय भी अन्य कार्य भी स्व सहायता समूह की बहनों को दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री चौहान ने जहां पुष्प वर्षा कर स्व सहायता समूह की बहनों का अभिवादन किया, वही बहनों ने मंगल गान गाकर मुख्यमंत्री चौहान का स्वागत किया। स्व-सहायता समूह की बहनों को प्रेरित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने विभिन्न जिलों से वर्चुअली जुड़ी बहनों से संवाद किया। मुख्यमंत्री चौहान ने जिला सागर से बहन सर्वरश्मि शुक्ला, छिंदवाड़ा से लक्ष्मी, बालाघाट से ममता चौहान और सतना से जुड़ी राजकुमारी वर्मा से संवाद किया। उन्होंने बहनों से कुशलक्षेम पूछ उन्हें महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान आजीविका मिशन पर केंद्रित नृत्य नाटिका और नृत्य की प्रस्तुति दी गई। राज्य ग्राम आजीविका मिशन की वर्ष 2013 से 2023 तक की 10 वर्ष की यात्रा और उपलब्धियों पर केंद्रित फिल्म का प्रदर्शन किया भी गया।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मलय श्रीवास्तव और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, ग्रामीण आजीविका मिशन एम.एल. बेलवाल सहित विभागीय अधिकारी, स्व-सहायता समूह की सदस्य बहनें और बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहें।

 

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