सरना धर्म कोड पर आजसू-NDA गठबंधन में दरार?
रांची.
आजसू पार्टी ने महाधिवेशन के आखिरी दिन रविवार को 24 सूत्री राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया। इसमें सरना धर्मकोड लागू करने की मांग भी शामिल है। इसके अलावा अंतिम दिन सुदेश महतो को फिर से पार्टी का सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया।
राजनीतिक प्रस्ताव में अनुसूचित जनजाति को 32, अनुसूचित जाति को 14 तथा पिछड़ी जाति को 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है। स्वशासन, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासनिक व्यवस्था का संकल्प लिया गया। वृहद झारखंड की मांग में बंगाल व ओडिशा के कुछ जिलों को शामिल करने के साथ इन क्षेत्रों के लिए स्वायत्त परिषद की मांग रखी गई। साथ ही झारखंड विधानसभा की सीटें 162 करने और विधान परिषद के गठन की मांग की गई। प्रस्ताव में झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान, नौकरी व पुनर्वास की मांग और अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक-सामाजिक विकास करने को प्रमुखता से लागू करने की बात शामिल है। इसके अलावा खनिज पर निर्भरता कम करने, औद्योगिक इकाइयों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
नौ संकल्पों के साथ सुशासन का रखा लक्ष्य: सुदेश
आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि हमने राज्य के नवनिर्माण के लिए नौ संकल्पों के साथ स्वशासन से सुशासन का लक्ष्य रखा है। इसके तहत झारखंडी हक सुनिश्चित किए जाएंगे। सुशासन और स्वशासन में आम सहमति और जवाबदेही महत्वपूर्ण है। सुदेश रविवार को आजसू पार्टी की ओर से मोरहाबादी में आयोजित तीन दिवसीय महाधिवेशन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। सुदेश ने कहा कि राज्य के सपनों को साकार करने के लिए आजसू पार्टी आगे बढ़ चुकी है। कहा कि शासन कमजोर, गैरजवाबदेह, भ्रष्टाचार में संलिप्त हो, बेलगाम प्रशासन के हाथों खेलता हो, आम आदमी और चौपाल की सत्ता में भागीदारी नहीं हो तो वहां सुशासन की बात बेमानी होगी। वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार में झारखंड की यही तस्वीर उभरी है। सुदेश ने कहा कि सुशासन से मेरा मतलब झारखंडी विचारों, विषयों, आम सहमति, जवाबदेही, उत्तरदायी का अनुसरण और आम आदमी को सत्ता का भागीदार बनाना है। सुदेश ने कहा कि झारखंडी जनमानस में घनघोर निराशा एवं सुलगते आक्रोश की यह हालत तब है जब झारखंड के सिंहासन पर झारखंड आंदोलन की कोख से जन्मी पार्टी के राजकुमार बैठे हैं। मूलवासी आदिवासियों के लिए संघर्ष करते-करते आज का राजनीतिक नेतृत्व इस वर्ग का शोषक बन गया। सुदेश ने कहा कि आजसू का एक-एक कार्यकर्ता हमारा लीडर और राज्य का निर्माणकर्ता है। हर कार्यकर्ता को नेता के रूप में काम करना होगा, जो सबकी चिंता करे सबकी बात करे। राजनीति उद्देश्य नहीं सेवा मुख्य उद्देश्य बनाना होगा।
पार्टी के कई नेताओं ने रखे विचार
रामगढ़ विधायक सुनीता चौधरी ने कहा कि इस सरकार को कोई टक्कर दे सकता है तो वह आजसू पार्टी। महिला बिल के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का आभार। पूर्व विधायक अकील अख्तर ने कहा कि पार्टी के संकल्प के लिए हम मिलजुल काम करेंगे। डॉ देवशरण भगत ने कहा कि अधिवेशन पार्टी प्रमुख के दूरदर्शी सोच का परिणाम है। रोशन लाल चौधरी ने बारिश में भी जुटने पर आजसू पार्टी के सिपाहियों का आभार जताया। साथ ही मिशन 2024 के लिए तैयार रहने को कहा। सभा को हसन अंसारी, राधेश्याम, माधवचंद्र महतो, तरुण गुप्ता, यशोदा देवी, तिवारी महतो, भरत कांशी, कुशवाहा शिवपूजन मेहता, नजमूल हसन हाशमी ने भी संबोधित
किया।
सर्वसम्मति से फिर केंद्रीय अध्यक्ष चुने गये सुदेश
अधिवेशन के आखिरी दिन केंद्रीय समिति ने सर्वसम्मति से सुदेश कुमार महतो को फिर पार्टी का केंद्रीय अध्यक्ष चुना। पर्यवेक्षक डोमन सिंह मुंडा की मौजूदगी में चुनाव हुआ। उमाकांत रजक ने सुदेश कुमार महतो का नाम रखा, जिसका सभी ने ध्वनिमत से समर्थन किया।
राज्य के हर गांव को पार्टी से जोड़ना है चंद्रप्रकाश
आजसू पार्टी के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि जिस दिन हम हर गांव और राज्य की अंतिम कड़ी को पार्टी से जोड़ लेंगे, आजसू की सरकार बनेगी और सुदेश महतो मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने आरक्षण के नाम पर दिग्भ्रमित किया है। ओबीसी आरक्षण को नगर निकाय चुनावों में खत्म कर दिया। हमें यह अधिकार लड़कर लेना होगा।
क्या है झारखंड नवनिर्माण के लिए नौ संकल्प
केंद्रीय अध्यक्ष ने नवनिर्माण समागम के नौ संकल्पों पर वचनबद्धता जाहिर करते हुए कहा कि आजसू पार्टी यह संकल्प लेती है कि झारखंडी मूलवासियों को उनका हक हर हाल में दिलाना सुनिश्चित करेगी। रोजगार मुखी कृषि, उद्योग, खनन, निर्माण, पर्यटन एवं पर्यावरण के संरक्षण और संवधर्न के लिए काम किए जाएंगे। सामाजिक न्याय, राजनीतिक भागीदारी, महिला सशक्तिकरण और जातीय जनगणना के लिए हर मोर्चे पर मुखर रहेंगे।