ललन सिंह और अशोक चौधरी की लड़ाई में कूदे सम्राट चौधरी, बोले- जेडीयू का टूटना तय हो गया
पटना
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और नीतीश सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी के बीच उपजे विवाद पर सिसायसत जारी है। हालांकि अशोक चौधरी ने बरबीघा में किसी विवाद से साफ साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ललन सिंह जिधर कहेंगे, हम उधर हीं जाएंगे। लेकिन इस मामले में नीतीश कुमार की चुप्पी से विपक्षी दलों को मौका मिल गया है। भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी इस विवाद में कूद पड़े हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने रविवार को दावा किया है कि जदयू दो धड़ों में बंट चुका है। उन्होंने जदयू अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी को लेकर दावा किया कि दोनों के बीच दूरियां बहुत ज्यादा बढ़ चुकी हैं। विवाद इतना बढ़ गया है कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का टूटना अब तय है। अब इसे कोई नहीं संभाल पाएगा।
पिछले दिनों खबर आई कि पार्टी की बैठक के दौरान ललन सिंह और अशोक चौधरी के बीच कहा सुनी हो गई। उस समय नीतीश कुमार भी मौजूद थे। ललन सिंह ने अशोक चौधरी से सवाल किया कि आप जमुई और बरबीघा किससे पूछकर जाते हैं। आपके खिलाफ विधायक सुदर्शन ने शिकायत की है। आप बरबीघा की राजनीति में दखल मत दीजिए। इस पर अशोक चौधरी अध्यक्ष पर उखड़ गए और कहा कि आप यह पूछने वाले कौन होते हैं। बाद में कहा कि मैं जाता हूं तो नेता नीतीश कुमार को बताकर जाता हूं। हालांकि, उसके बाद अशोक चौधरी जमुई तो नहीं गए पर बरबीघा का दौरा किया जिसका पार्टी विधायक सुदर्शन ने विरोध किया। दावा किया कि अशोक चौधरी अपने दामाद के लिए फिल्डिंग कर रहे हैं।
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि ललन सिंह के नेतृत्व में एक धड़ा राजद में मिल जाएगा। वह अभी से ही राजद के नेता की तरह काम कर रहे हैं। भले ही जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हुए हैं पर काम राजद के लिए करते हैं। टूट के बाद उनका धड़ा राजद में के साथ चला जाएगा।
रविवार को बांसघाट में चले सफाई अभियान के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन पहले ही नीतीश कुमार को किनारे लगा चुका है। कहां नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने की बातें करते थे और इंडिया गठबंधन ने उन्हें संयोजक भी नहीं बनाया है। नीतीश कुमार ने आरजेडी के लॉलीपॉप के झांसे में आकर एनडीए का साथ छोड़ दिया। लेकिन पीएम उम्मीदवार बनाना तो दूर उन्हें अभी तक कुछ भी नहीं बनाया गया। उन्हें टोला संयोजक भी नहीं बनाएगा।