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चीन-पाकिस्तान से जुड़ा लेह-मनाली राजमार्ग 138 दिनों के रिकॉर्ड समय में खुला

-सशस्त्र बलों और उनके सामानों की आपूर्ति की आवाजाही के लिहाज से महत्वपूर्ण
-लद्दाख के अंदरूनी क्षेत्रों से जुड़े राजमार्ग को पिछले साल खोलने में लगे थे 144 दिन

नई दिल्ली
 सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लेह-मनाली राजमार्ग (एनएच 3) 138 दिनों के रिकॉर्ड समय में खोल दिया है। पिछले साल इस राजमार्ग को यातायात के लिए खोलने में 144 दिन लगे थे। मनाली के रास्ते लद्दाख को बाकी भारत से जोड़ने वाला 427 किलोमीटर लंबा यह एक रणनीतिक राजमार्ग है। इसका लद्दाख के अंदरूनी क्षेत्रों में सशस्त्र बलों और उनके सामानों की आपूर्ति की आवाजाही के लिहाज से खासा रणनीतिक महत्व है और इसकी सीमा चीन और पाकिस्तान दोनों से लगी हुई है।

बीआरओ के मुताबिक यह राजमार्ग 422 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-कारगिल-लेह राजमार्ग (एनएच-1डी) का एक वैकल्पिक रास्ता है, जिसे सीमा सड़क संगठन ने 16 मार्च को ही खोल दिया था। बीआरओ ने निम्मू-पदम-दारच में 16,580 फीट पर स्थित शिंकुला दर्रे को भी 23 मार्च को 55 दिनों के रिकॉर्ड समय में खोल दिया है। हिमांक परियोजना के मुख्य इंजीनियर ब्रिगेडियर गौरव कार्की और दीपक परियोजना के मुख्य इंजीनियर कर्नल विशाल गुलेरिया ने इस राजमार्ग से बर्फ हटाने और खुलने की घोषणा की। यह राजमार्ग सुरक्षा बलों की आवाजाही और लद्दाख क्षेत्र में अग्रिम ठिकानों तक आपूर्ति और साजो-सामान पहुंचाने के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है और इसकी सीमा चीन और पाकिस्तान दोनों से लगी हुई है।

दरअसल, लेह-मनाली राजमार्ग आम तौर पर सर्दियां आने के साथ ही नवंबर के आखिर से बंद हो जाता है और मार्च में खोला जाता है। लद्दाख में बीआरओ फ्रंटलाइन प्रोजेक्ट हिमांक और हिमाचल प्रदेश में प्रोजेक्ट दीपक के तहत 427 किलोमीटर लम्बी सड़क पर जमा बर्फ को साफ कर दिया गया है। यह चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन अत्याधुनिक मशीनों से लैस दो अलग-अलग टीमों ने सड़क के दोनों छोर से शुरू किया था। हिमाचल प्रदेश के सरचू में बर्फ हटाने वाली दो टीमों के एक समान बिंदु पर पहुंचने के साथ ही वहां एक 'गोल्डन हैंडशेक' समारोह आयोजित किया गया, ताकि राजमार्ग को खुला घोषित किया जा सके।

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए फिर खुला

 जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए दोनों ओर से खोल दिया गया है। छोटे वाहनों को राजमार्ग के दोनों ओर से आने जाने की अनुमति दी गई है। वहीं भारी वाहनों को केवल श्रीनगर से जम्मू जाने की ही इजाजत दी गई है।

बता दें कि जम्मू- श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग  भूस्खलन के चलते बंद कर दिया गया था। भारी बारिश के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कैफेटेरिया मोड़ के पास भूस्खलन हुआ था। सीमा सड़क संगठन की मशीनों तथा कर्मचारियों की सहायता से राजमार्ग पर से मलबा साफ करने के बाद रविवार को एक बार फिर आवाजाही के लिए खोल दिया गया। दूसरी ओर राजौरी व पुंछ जिलों को दक्षिण कश्मीर के शोपियां से जोड़ने वाला मुगल रोड अभी भी बर्फबारी के चलते बंद है। इस मार्ग को साफ करने का कार्य जारी है और जल्द ही वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।

 

 

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