गुजरात से अतीक अहमद को लेकर प्रयागराज रवाना हुई यूपी पुलिस
प्रयागराज
उत्तर प्रदेश पुलिस पूर्व सांसद अतीक अहमद को अहमदाबाद से लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हो गई है। यूपी भेजने से पहले जेल में अतीक अहमद का मेडिकल हुआ और जेल ट्रांसफर के जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी की गई। इसमें करीब सात घंटे का समय लगा और शाम करीब 5:44 बजे अतीक को लेकर यूपी पुलिस रवाना हुई। अतीक अहमद ने जेल से बाहर निकलते ही पहला बयान दिया। उन्होंने कहा कि कोर्ट के कंधे पर रखकर मुझे मारना चाह रहे हैं। इसके बाद गुजरात पुलिस की कड़ी सुरक्षा में यूपी पुलिस अतीक अहमद को लेकर साबरमती जेल से प्रयागराज के लिए रवाना हुई। प्रयागराज के कमिश्नर रमित शर्मा ने कहा कि अपहरण के एक मामले में अतीक को 28 मार्च को अदालत में पेश किया जाना है, जिसका फैसला उसी दिन सुनाया जाना है।
अतीक अहमद के प्रयागराज पहुंचने में लंबा समय लगने की उम्मीद की जा रही है। यूपी पुलिस को प्रयागराज से साबरमती जेल पहुंचने में 36 घंटे का समय लगा था। ऐसे में अतीक के रूट के बाद भी 27 मार्च की रात में प्रयागराज पहुंच पाने की संभावना है। अतीक अहमद को लेकर जो गाड़िया साबरमती जेल से रवाना हुई हैं। वे नॉन-स्टॉप चलेंगी। दोनों गाड़ियों में दो-दो ड्राइवर रखे गए हैं। यूपी पुलिस रविवार सुबह प्रयागराज की कोर्ट का प्रोडक्शन वॉरंट लेकर साबरमती जेल पहुंची थी। इसके बाद जेल में अतीक को यूपी भेजने की कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान तमाम दस्तावेजों की जांच पूरी की गई।
पांच घंटे की प्रक्रिया, निकलने में लगे 7 घंटे
करीब पांच घंटे की प्रक्रिया के बाद अतीक की साबरमती जेल से रवानगी हुई। हालांकि, यूपी पुलिस को अतीक को लेकर निकलने में 7 घंटे लग गए। लंबे समय से उमेश पाल की हत्या के मामले में अतीक अहमद को यूपी ले जाए जाने की अटकलें थी। आखिर में जब प्रयागराज की कोर्ट ने उमेश पाल के अपहरण के पुराने मामले में पुलिस को वॉरंट दिया। तब यूपी पुलिस साबरमती जेल पहुंची और कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद माफिय अतीक को लेकर वहां से निकली। जानकारी के अनुसार, 2007 में किडैपिंग के केस में प्रयागराज की कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। इसके बाद ही अतीक अहमद के आगे का भविष्य तय होगा।
यूपी में जान को खतरा बताया
कुछ दिनों पहले अतीक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जान को खतरा बताते हुए कोर्ट से गुजारिश की थी उन्हें अहमदाबाद जेल से यूपी ना भेजा जाए। अतीक ने अपनी अर्जी में कहा था कि उन्हें यूपी में दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए गुजरात से बाहर ना भेजा जाए। उनकी सुरक्षा और जान को खतरा है। याचिका में कहा कि यूपी सरकार के कुछ मंत्रियों के बयान से ऐसा लगता है कि उनका फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है। सीएम आदित्यनाथ योगी ने माफिया और आरोपियों को मिट्टी में मिला देने की बात कही है। डिप्टी CM ने बृजेश पाठक गाड़ी पलटने की आशंका भी जता चुके हैं। अगर उन्हें यूपी भी लाया जाए तो सेंट्रल फोर्स की सुरक्षा में लाया जाए नहीं तो उनके मामलों का ट्रायल विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ही हो। अगर पुलिस कस्टडी में रखकर ही पूछताछ करनी है तो गुजरात में ही कोर्ट परिसर के आसपास गुजरात पुलिस की निगरानी में ही ये सब किया जाए।
अतीक का 'करीबी' मुठभेड़ में अरेस्ट
यूपी के फतेहपुर जिले में रविवार तड़के पुलिस से कथित तौर पर हुई मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगने से घायल हुए 25 हजार रुपये के एक इनामी बदमाश को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसके अतीक अहमद का नजदीकी होने का दावा किया है। एसपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि रविवार तड़के करीब पौने पांच बजे मुखबिर की सूचना पर खखरेरू थाना पुलिस और स्वाट टीम ने कुल्ली गांव के जंगल में काले बाबा की मजार के पास 25 हजार रुपये के इनामी हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद जर्रार अहमद (44) की घेराबंदी की। पुलिस के ललकारने पर अहमद ने पुलिस पर गोली चला दी।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में अहमद के दायें पैर में गोली लगी है, जिससे वह घायल होकर गिर गया। बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसपी ने कहा, 'मोहम्मद जर्रार अहमद, अतीक अहमद का नजदीकी साथी है। उसके खिलाफ आधा दर्जन संगीन अपराधों के मामले दर्ज हैं।'