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भारत ने पिछले कुछ साल में आतंकवादी घटनाओं में कमी, अपराध का ग्राफ भी घटा

नई दिल्ली

भारत ने पिछले कुछ साल में सुरक्षा उपायों को मजबूत बनाया है, जिससे गलत तरीके से होने वाले व्यापार पर काफी हद तक अंकुश लगा है। हालांकि, इसे और चाक-चौबंद करने से अवैध व्यापार के माध्यम से होने वाली 159 अरब डॉलर के धन-शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) को रोका जा सकेगा। फिक्की-कास्केड रिपोर्ट के अनुसार भारत का वैश्विक आतंकवाद अंक (जीटीआई) 7.43 और अपराध सूचकांक अंक 44.7 है।

यह बताता है कि 2016 की तुलना में आतंकवादी और अपराध की घटनाएं कम हुई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध तरीके से होने वाला व्यापार राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने के साथ वैध विनिर्माण को जोखिम में डालता है, सरकारी राजस्व में कमी लाता है, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरे में डालता है तथा उपभोक्ताओं और निवेशकों के भरोसे को कमजोर करता है।

इस मुद्दे से निपटना भारत की आर्थिक स्थिरता, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने और सतत वृद्धि तथा कारोबार सुगमता के लिए अनुकूल परिवेश को बढ़ावा देने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसमें कहा गया है कि कर अधिकारियों की अवैध व्यापार पर लगाम लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका हैं।

मनी लॉन्ड्रिंग की राशि 159 अरब डॉलर
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था साल 2021 में 3,000 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गई। यूएनओडीसी (नशीले पदार्थ और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय) के अनुमान के अनुसार भारत में मनी लॉन्ड्रिंग की कुल राशि 159 अरब डॉलर है। यह अवैध तरीके से काम कर रहे बाजार और गलत तरीके से काम करने वालों के बढ़ते प्रभाव से उत्पन्न समस्या की भयावहता को बताता है।

 

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