प्रदेश का पहला बायो-टेक्नोलॉजी पार्क जावद के आमलीभाट एवं बरखेड़ा में आकार लेगा : मंत्री सखलेचा
50 करोड़ का पार्क अनुसंधान और विकास के साथ रोजगार सृजन का केन्द्र होगा
भोपाल
प्रदेश का पहला बायो-टेक्नोलॉजी पार्क नीमच जिले में जावद के आमलीभाट एवं बरखेड़ा गांव में आकार लेगा। हाल ही में मध्यप्रदेश केबिनेट ने इसे मंजूरी दी है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा है कि लगभग 40 एकड़ भूमि में करीब 50 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाला यह पार्क अनुसंधान के साथ विकास का एक बड़ा केन्द्र तो होगा ही उद्योगों के लिए तकनीकी हस्तांतरण से लाखों रोजगार सृजन का संवाहक भी होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शीघ्र ही पार्क का भूमि-पूजन करेंगे।
मंत्री सखलेचा ने पार्क को नीमच के साथ ही पूरे प्रदेश के उद्योगों,नव उद्यमियों आदि के लिए सौगात बताते हुए कहा कि पार्क की स्थापना भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की योजना में की जा रही है। संभवत: देश का यह 9वां पार्क शोध आधारित विकास की तकनीकी उपलब्ध करवाएगा।
पार्क की स्थापना का मुख्य उद्देश्य बायो-टेक्नालॉजी में नवीन अनुसंधान और विकास संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देना है, जिसके लिये 8 उच्च-स्तरीय प्रायोगशाला स्थापित की जायेगी। इनमें फाइटोफार्मास्यूटिकल और ड्रग डिस्कवरी प्रयोगशाला, हर्बल फॉर्म्यूलेशन, पादप ऊतक संवर्धन, गुणवत्ता नियंत्रण और गुणवत्ता आश्वासन, माइक्रोबियल बायो-टेक्नोलॉजी, आणविक जीव विज्ञान, जैव सूचना और फोर्टिफाइड फूड प्रयोगशाला शामिल है।
जैव तकनीकों के व्यवसायीकरण में भी यह बायोटेक पार्क अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पार्क से प्रदेश के इनक्यूबेटीज, उद्यमियों एवं नवाचारों को स्टार्ट-अप के लिए तैयार किया जाएगा जिससे इनक्यूबेशन सेंटर और पार्क के माध्यम से बायोटेक क्षेत्र में व्यवसाय शुरू कर सकेंगे। बायोटेक पार्क मुख्य रूप से सूक्ष्म और मध्यम प्रकार के बायोटेक उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए एक शानदार मंच होगा, जिसमें पार्क और बायोटेक इनक्यूबेशन सेंटर सार्वजनिक उपक्रम की भागीदारी के माध्यम से बायोटेक स्टार्ट-अप एवं उद्यमी बायोटेक उत्पाद की कंपनी शुरू कर सकें। पार्क के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण भी प्रदान किया जायेगा तथा यह रोजगार के अनेक अवसर भी प्रदान करेगा।