जेल में रहते हुए मुख्तार पर दर्ज हो गए हत्या के 8 केस
नई दिल्ली
बांदा जेल में बंद उत्तर प्रदेश के माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को गाजीपुर की अदालत ने हत्या के मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा उसेक भाई बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी को भी चार साल की सजा सुनाई गई है। विधायक कृष्णानंद राय की हत्या और कारोबारी नंदकिशोर रूंगटा की किडनैपिंग मामले में उन दोनों को सजा सुनाई गई है। बता दें कि मुख्तार अंसारी काफी रसूखदार परिवार से ताल्लुक रखता है। उसके दादा आजादी से पहले कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और गांधी जी के करीबी थे। इसके अलावा उसके नाना ब्रिगेडियर और महावीर चक्र विजेता थे। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख्तार के चाचा लगते हैं।
18 साल से जेल में, फिर भी चला रहा गैंग
मुख्तार अंसारी 18 साल से जेल में है। पहले वह पंजाब की रोपड़ जेल में था लेकिन उसने एक कारोबारी को फोन करके धमकी दी थी। इसके बाद उसे बांदा जेल लाया गाय था। हाल यह है कि जेल में रहने के बावजूद उसकी इतनी चलती है कि वह बाहर का गैंग चला रहा है। रिटायर्ड पुलिस अफसर और जेलर भी मानते हैं कि जेल में भी मुख्तार अंसारी की चलती थी। मुख्तार अंसारी पर 61 केस दर्ज हैं और गौर करने वाली बात यह है कि जेल में रहने के दौरान उसपर हत्या के 8 केस दर्ज हो गए।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मार्च में कहा था कि मुख्तार गैंग देश का सबसे खतरनाक गैंग है। बता दें कि मुख्तार अंसारी जब रोपड़ से बांदा जेल आया था तब कोई भी जेलर इस जेल का चार्ज लेने को ही तैयार नहीं था। डेढ़ साल तक यहां कोई जेलर नहीं था। बाद में नियुक्ति की गई। साल 2021 में पाया गया था कि जेल के कर्मचारी मुख्तार की सेवा में लगे हैं। इसके बाद डिप्टी जेलर और चार बंदी रक्षक सस्पेंड कर दिए गए थे।
कैसे शुरू हुआ मुख्तार का बुरा वक्त
मऊ में मुगल काल से ही भरत मिलाप करवाया जाता था। बताया जाता है कि औरंगजेब की बेटी जहांनारा ने इसकी शुरुआत करवाई थी। इसी कार्यक्रम के दौरान दंगे भड़क गए। 2005 में उस वक्त राज्य में सपा की सरकार थी। बाद में मुख्तार ने इसी मामले में गाजीपुर में सरेंडर किया और तब से वह जेल में है। साल 2002 में भाजपा के कृष्णानंद राय ने मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को हरा दिया था। अफजाल इससे पहले मोहम्मदाबाद सीट से 5 बार विधायक रह चुका था। इस हार को वे दोनों पचा नहीं पाए और 2005 में कृष्णानंद की हत्या कर दी गई।
कृष्णानंद की कार को घेरकर गोलियां चलाई गई थीं। उस वक्त मुख्तार जेल में था लेकिन उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसी मामले में उसे कोर्ट ने सजा सुनाई है। बता दें कि मुख्तार का गैंग बहुत ही ताकतवर है। बीते साल भी इस गैंग की 573 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। मुख्तार अंसारी ने अपनी सियासी विरासत बेटे अब्बास को सौंप दी थी लेकिन विधायक बनने के बाद वह भी जेल में है। अभी वह चित्रकूट जेल में बंद है। अब्बास से गैरकानूनी तरीके से मिलने के आरोप में अब्बास की पत्नी निखत को भी जेल भेज दिया गया। मुख्तार की पत्नी पर भी 75 हजार रुपये का इनाम है और वह फरार हैं।