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7% रह सकती है इंडियन इकोनॉमी की रफ्तार, जानें महंगाई पर क्या बोला वित्त मंत्रालय

नई दिल्ली

वित्त वर्ष 23 में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार 7 प्रतिशत रह सकती है। वहीं, थोक और खुदरा महंगाई दर में नरमी देखी जा सकती है। यह उम्मीद सोमवार को वित्त मंत्रालय ने जताई है। वैश्विक दबाव के बीच जनवरी के महीने में थोक मंहगाई दर 25 महीने के नीचले स्तर पर चला आया था। हालांकि, फरवरी के खुदरा महंगाई दर 6.44 फीसदी थी। जोकि जनवरी के मुकाबले थोड़ा कम है।
 
मिनिस्ट्री के मंथली इकोनॉमिक रिव्यू के अनुसार हाई सर्विसेस एक्सपोर्ट में इजाफा, तेल की कीमतों को नियंत्रिक रहना और इम्पोर्ट में गिरावट के असर चालू घाटे पर दिखेगा। मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 23 और 24 में चालू घाटे में गिरावट का अनुमान है। यह भारतीय नजरिए से अच्छी बात है। बता दें, अमेरिका में फेड लगातार ब्याज दरों में इजाफा कर रहा है। जिससे एक्सपोर्ट आदि प्रभावित हो रहे हैं।
 
सर्विसेज एक्सपोर्ट में इजाफा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है। यह दर्शाता है कि आईटी और नॉन आईटी सर्विसेज में इंडिया मार्केट शेयर बढ़ा है। इन सर्विसेस की मांग में पिछले 2 सालों से तेजी देखने को मिली है। माहामारी के दौर में मांग बढ़ने का सिलसिला अब भी जारी है। वहीं, मिनिस्ट्री के अनुसार ग्लोबल लेवल कमोडिटी की कीमतों में कमी की वजह से इम्पोर्ट भी सस्ता हुआ है।

मंत्रालय ने कहा है, “वैश्विक तनाव और महामारी के प्रभाव के बीच भी भारतीय अर्थव्यस्था में स्थिरिता देखने को मिली है। वित्त वर्ष 23 में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक थी।” बता दें, अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के दौरान इंडियन इकोनॉमी की रफ्तार 4.4 प्रतिशत थी।

 

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