रायपुर
सूर्योदय के साथ ही लाखेनगर हिंद र्स्पोटिंग मैदान में हर हर महादेव, ऊं नम: शिवाय, जय भोलेनाथ की गूंज सुनाई पडने लगती है। जब रोजाना तीन से चार हजार महिला व पुरुष सदस्य मिट्टी के पार्थिव शिवलिंग निर्माण में लग जाते हैं। उनकी आस्था व भक्ति के साथ उत्साह देखते ही बन रही है तभी तो शुरू के चार दिन में 65 लाख शिवलिंग का निर्माण हो चुका है।
संजीवनयन महाराज ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा के साथ सनातन धर्म प्रचार परिषद ने 24 फरवरी तक सवा करोड़ शिवलिंग निर्माण का लक्ष्य रखा है। परिषद की ओर से हर रोज सुबह इन्हे कुम्हार वाली मिट्टी (राख मिला हुआ) उपलब्ध कराया जाता है ताकि आसानी से निर्माण हो सके। निर्माण के साथ ही परिषद के सदस्य काउंटिंग कर टोकन देते हैं। रोजना विधि विधान से शिवलिंग की पूजा भी करायी जा रही है। अंतिम दिन अभिषेक अनुष्ठान के बाद सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग को महादेव घाट में विसर्जित किया जायेगा। छत्तीसगढ़ में इस प्रकार का अनुष्ठान पहली बार हो रहा है।
श्रीमद्भागवत कथा आनंद का विषय है, मोक्ष का, मुक्ति का, गोविंद से मिलाने का विषय है। यदि एक बार श्रीमदभागवत कथा को आत्मसात कर लिया तो इतना आनंद है कि किसी दूसरे विषय को छूने की जरूरत नहीं है। प्रसंगवश उन्होने श्रद्धालुओं को बताया कि कृष्ण की गीता और श्रीमद्भागवत में अंतर क्या है, कृष्ण जो कहते है वह करते है और कृष्ण जो लीलाएं करते हैं उसका नाम भागवत है। कुरुक्षेत्र की भूमि में कृष्ण ने जो गीत गाया उसका नाम गीता है और जो कृष्ण ने लीलाएं की है उसका नाम श्रीमद्भागवत है।
कृष्ण को माखनचोर भी कहा जाता है। माखनचोरी के प्रसंग आने पर कथाव्यास संत राजीवनयन महाराज ने बताया कि रोज किसी न किसी गोपियों के घर में माखन चोरी हो जाती थी और गोपियां शिकायत करने यशोदा के पास पहुंचतीं पर साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाती थीं इसलिए माता भरोसा नहीं करती। भगवान की लीला कौन समझ सकता है, गोपियां जब हाथ पकड़ ले जाती तो हैं पर यशोदा के सामने जब घूंघट खोलती है तो कृष्ण की जगह अपने ही पति का हाथ पकड़ कर खड़ी हुई है। जो भक्तों के चित्त को आकर्षित कर सकता है उसका नाम ही तो कृष्ण है। भगवान कृष्ण अपने विराट रूप का दर्शन यशोदा को कराया है लेकिन यशोदा नहीं समझ पायी कि मेरा लाला परमपिता परमेश्वर है। कृष्ण कहते हैं मेरे को सारे दुनिया में देखो और सारे दुनिया में मुझको देखो। कथा सत्संग के बीच भजन सम्राट संजीवनयन जी के सुमधुर भजन आनंद भी श्रद्धालुजन उठा रहे हैं। श्रीमद्भागवत कथा का संस्कार चैनल पर दोपहर तीन बजे से रोजाना प्रसारण भी हो रहा है।