रायपुर
टिकरापारा के छत्तीसगढ़ नगर में स्थित दशहरा मैदान में देवपूजन के साथ 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण शुरू हो गया है जो 18 दिसंबर तक चलेगा। कार्यक्रम संयोजक रामकृष्ण साहू एवं जिला समन्वयक लच्छूराम निषाद व मीडिया प्रभारी प्रदीप साहू ने बताया कि शनिवार को प्रात: 6 बजे से ध्यान योग, प्रज्ञा योग के बाद प्रात: 08:30 बजे देव पूजन एवं 51 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ प्रारंभ हो गया जिसमें भारी संख्या में राजधानी रायपुर के साथ ही आसपास के ग्रामीणजन भारी संख्या में महायज्ञ में शामिल है।
51 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में दूसरे दिन शनिवार को हजारों लोगों ने यज्ञ कुंडों में प्रज्जवलित अग्नि में वैदिक मंत्रो के साथ शाकल्य की आहुतियां अर्पित की। इस महायज्ञ में सम्मिलित होने के लिये सुबह से ही क्षेत्रवासियों का सैलाब उमड़ पड़ा एवं ज्योंही आहुतियों का क्रम प्रारंभ हुआ स्वाहा की पवित्र सामूहिक ध्वनि से सारा यज्ञ पंडाल गूंज उठा। गायत्री महामंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, सूर्यदेव एवं नवग्रह मंत्रों की आहूतियों का क्रम तीनों पारियों में चला जिसकी पूणार्हूति दोपहर एक बजे हुई। यज्ञशाला में मुख्य यजमान के रुप में पूर्व विधायक धनेन्द्र साहू, पार्षद व जोन अध्यक्ष श्रीमती निशा देवेन्द्र यादव, थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे, शरद दुबे, इन्द्राणी, एस.एन. राय, हिरालाल साहू, सी.पी. साहू, प्रदीप साहू आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम संयोजक रामकृष्ण साहू एवं जिला समन्वयक लच्छूराम निषाद ने बताया कि प्रात: 08:30 बजे हरिद्वार शांतिकुंज से आए टोली प्रमुख योगेश पटेल ने अपनी टोली के साथ देव मंच से गुरु वंदना, व्यास वंदना के बाद सभी देवी-देवताओं एवं ऋषि-महर्षियों का आह्वान करवाया। वेद मंत्रों के साथ यज्ञ प्रक्रिया को प्रांरभ करने के क्रम में सबसे पहले यज्ञ मंडप के सभी दिशाओं पूर्व, अग्नि, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर, ईशान सहित आकाश एवं धरती तत्व में अक्षत अर्पित कर पूजन कराया गया। मंडप के चारों और स्थापित तत्व वेदियों एवं पंचतत्व का भी साधकों द्वारा जोड़े के साथ विधिविधान से पूजन करवाया गया।