महासमुंद
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में कुंज बिहारी गढ़फुझर बसना के ईंट भट्टे में बड़ा हादसा हुआ है. यहां ईंट-भट्टे पर सो रहे पांच मजदूरों की मौत हो गई है. धुएं में दम घुटने से पांच मजदूरों की जान चली गई, वहीं एक मजदूर घायल है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सभी मजदूरों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे ने घटना की पुष्टि की है.
घायल मजदूर का इलाज बसना सरकारी अस्पताल मे चल रहा है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, ईंट भट्टे को इन मजदूरों ने ठेके पर लिये थे. ईंट पकाने के लिए आग लगा कर मजदूर ईंटों के ऊपर ही सो गये थे, जिससे ये हादसा हुआ. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ईंट भट्टा अवैध संचालित था. बसना पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी है.
पुलिस ने बताया मौत का कारण
बसना थाना प्रभारी कुमारी चंद्राकर ने बताया कि घटना के वक्त मजदूर ईंट भट्ठे पर सो रहे थे. प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि मजदूर जहां सो रहे थे, वहां ईंट भट्ठे में कच्चे ईंट को पकाने का काम चल रहा था. इसी दौरान वहां से निकलने वाले धुएं की चपेट में आने से वहां सो रहे पांच मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई है.
बहरहाल पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. इधर मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. मृतकों के परिजनों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
बताया गया है कि माटीकला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष चंद्रशेखर पांड़े के स्वजन ईंट का कारोबार करते हैं, यह भट्ठा उनके अनुज कुंज बिहारी का बताया जा रहा है। बताया गया है कि कुंजबिहारी ने श्रमिकों से ईंट बनवाकर उसे पकाने के लिए ठेका पर दिया था, ये ठेका श्रमिक थे। इन श्रमिकों गंगा राम बिसी (55), दशरथ बिसी(30), सोना चंद भोई (40), वरुण बरिहा(24), जनक राम बरिहा(35) और मनोहर बिसी(30) काम कर रहे थे।
मृतकों के शव पीएम के लिए भेजा
दरअसल, यह घटना महासमुंद के गढ़फुलझर गांव की है। खबरों के अनुसार ईट-भट्ठे में आग लगाने के बाद सभी मजदूर वहीं सोए थे। अचानक आग सुलगने और उसके धुएं से मजदूरों का दम घुटने लगा और मौत हो गई। पुलिस मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतकों के शव पीएम के लिए भेजा है।
बताया गया है कि माटीकला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष चंद्रशेखर पांड़े के स्वजन ईंट का कारोबार करते हैं, यह भट्ठा उनके अनुज कुंज बिहारी का बताया जा रहा है। बताया गया है कि कुंजबिहारी ने श्रमिकों से ईंट बनवाकर उसे पकाने के लिए ठेका पर दिया था, ये ठेका श्रमिक थे। इन श्रमिकों गंगा राम बिसी (55), दशरथ बिसी(30), सोना चंद भोई (40), वरुण बरिहा(24), जनक राम बरिहा(35) और मनोहर बिसी(30) काम कर रहे थे।
बलरामपुर में भी दम घुटने से हुई थी तीन मजदूरों की मौत
बतादें कि ईट-भट्ठे पर सो रहे मजदूरों की दम घुटने से मौत की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले 13 फरवरी 2023 को बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत कोटपाली के आश्रित ग्राम खजूरी में दुखद हादसा हुआ था। यहां छोटे ईंट-भट्ठे में आग लगाकर उसी के ऊपर सो रहे तीन मजदूरों की मौत हो गई थी।
मजदूराें के मौत हो सकती है ये वजह
दम घुटना एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मरीज सांस नहीं ले पाता। यह अक्सर हवा की कमी या गले में कुछ फंस जाने के कारण होता है। आशंका जताई जा रही है कि ईंट-भट्टे पर सोने वाले मजदूरों के साथ ऐसा ही कुछ होगा, क्योंकि भट्टी अंदर से जल रही थी। जिससे ऊपर धुआं निकल रहा था। धुआं ज्यादा होने के कारण वे सांस नहीं ले पाए और उनकी मौत हो गई। फिलहाल पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।