यूपी में 42 और खंड शिक्षा अधिकारियों की जांच होगी
लखनऊ
अपने दायित्वों के प्रति लापरवाह और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे करीब 42 और खण्ड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) पर जांच की तलवार लटकी है। ये ऐसे बीईओ हैं जिनके खिलाफ प्राप्त शिकायतों से जुड़े फीडबैक बेसिक शिक्षा निदेशालय को आधे-अधूरे रूप में प्राप्त हुए हैं। विभागीय मुख्यालय इन पर लगे सभी आरोपों की पुष्टि में जुटा है। बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में आरोपों की पुष्टि की दशा में बचे हुए सभी बीईओ के खिलाफ जांच कराई जाएगी।
सूत्र बताते हैं कि 42 में से कुछ ऐसे बीईओ हैं जिन्होंने टेलीफोनिक फीडबैक को लेकर सवाल उठाए हैं और फोन पर अधीनस्थों से सूचक प्रश्न के उत्तर के आधार पर प्रस्तावित कार्यवाही के विरुद्ध जनप्रतिनिधियों के माध्यम से शासन में शिकायतें दर्ज कराई है। ऐसे शिकायतकर्ताओं ने फोन पर मिले गोपनीय इनपुट के आधार पर दोषी ठहराए जाने को रूल ऑफ लॉ का उल्लंघन बताया है। कई जनप्रतिनिधियों ने इनके द्वारा उठाए गए सवालों का हवाला देते हुए शासन से हस्तक्षेप की मांग़ की है। इस बीच विभागीय अधिकारियों की मानें तो जिन 53 बीईओ के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए गए हैं उसके लिए तय की गई 33 टीमें जांच कार्य में जुट गई हैं। इन्हें एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट विभागीय मुख्यालय को भेजनी है।
गौरतलब है कि 53 बीईओ में से 25 बीईओ के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए जाने के बाद बीते 24 मार्च को भ्रष्टाचार निवारण संगठन के एडीजी राजा श्रीवास्तव को पत्र लिखकर जांच की सिफारिश की जा चुकी है। ऐसे में अब इनके खिलाफ विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन व बजट के उपभोग को लेकर जांच की जाएगी। वहीं 28 बीईओ के खिलाफ शिक्षकों द्वारा विभिन्न सेवाओं के लिए धन मांगने के साथ-साथ विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए दिए गए बजट का ढंग से उपभोग किया गया या नहीं, इसकी भी जांच होगी।