एनजीटी के दखल से रुका वीआइपी रोड का 220 करोड़ का एक्सटेंशन
भोपाल
नेशनल ग्रीन ट्ब्यिूनल के हस्तक्षेप के बाद राजधानी में वीआइपी रोड के सामांतर एक नई सड़क बनाने का काम फिलहाल ठंडे बस्ते में जाता नजर आ रहा है। पहले इसकी प्लानिंग में आठ लेन बनने वाली सड़क का छह किलोमीटर का हिस्सा बड़े तालाब के ऊपर से होकर गुजरना है। जिससे करीब ढाई लाख वर्गफीट तालाब ढंक सकता है और उसके पिलर भी इसके भीतर आएंगे। इसके लिए कैचमेंट क्षेत्र में लगे सैकड़ों पेड़ों को भी काटना पड़ेगा। हाल ही में एनजीटी ने कैचमेंट एरिया में लगे पेड़ों को बचाने और वहां पर होने वाले निर्माणों पर रोक लगायी है। अब नई सरकार के आने के बाद ही इसके एक्सटेंशन का नया प्लान बनने की उम्मीद है।
एलिवेटेड कॉरिडोर के 3 विकल्प
आने वाले समय में वीआईपी रोड पर लोड बढ़ने के कारण यहां यातायात को सुगम बनाने के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण में तीन विकल्प तैयार कर प्रमुख सचिव के पास भेजे थे। इसमें पहला विकल्प रोशनपुरा चौराहे से कमला पार्क तक 2.8 किलोमीटर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण प्रस्तावित था, इसमें 220 करोड़ रुपये खर्च होंगे।दूसरा विकल्प कमलापार्क से खानूगांव तक फ्लायओवर और खानूगांव से हलालपुरा बस स्टैंड से रेलवे क्रासिंग पार करते हुए दाता कालोनी के पास स्टेट हैंगर तक पहुंचाना। वहीं तीसरा विकल्प है कि वीआइपी रोड के सामांतर बेतरतीब मोड़ हैं, इन्हें नजरअंदाज करते हुए खानूंगाव तक फ्लायओवर का निर्माण किया जाए।
क्या योजना थी
जानकारी के अनुसार नई प्लानिंग के चलते आठ किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर कमला पार्क के पास से हलालपुरा बस स्टैंड तक बनना था जो यहां से शुरू होकर केबल स्टे ब्रिज के पास तक जाएगा। कमला पार्क के पास एक रोटरी और यहां से मौजूदा वीआईपी रोड के समानांतर सड़क बनायी जानी थी जो खानूगांव तक यानी होटल इंपीरियल सेबरे तक जाएगी। इसे वीआईपी रोड के लेवल पर बनाया जाएगा। आगे सड़क दो पार्ट में हो जाएगी। खानूगांव से बैरागढ़ की तरफ हलालपुर के पास तक सिक्स लेन एलिवेटेड रोड की भी प्लानिंग थी। अब इस पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है। अब प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद इस पर काम होगा।