1984 के सिख विरोधी दंगे : टाइटलर के खिलाफ आरोपपत्र पर 19 जुलाई को निर्णय लेगी अदालत
नई दिल्ली
दिल्ली की एक अदालत 1984 के सिख-विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश में कथित हत्याओं से जुड़े मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बारे में 19 जुलाई को फैसला करेगी।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) विधि गुप्ता आनंद ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के साथ ही शिकायतकर्ता की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद सात जुलाई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
न्यायाधीश ने अदालत कर्मियों को यह देखने के निर्देश भी दिए कि पहले मामले की सुनवाई कर रही अदालत से प्राप्त मुकदमे का रिकॉर्ड पूरा है या नहीं। उन्होंने मामले पर 19 जुलाई को अगली सुनवाई तक एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
राउज एवेन्यू अदालत की न्यायाधीश ने कहा कि कड़कड़डूमा की एक अदालत के कर्मियों द्वारा दाखिल दस्तावेज बहुत ज्यादा हैं और वे सात न्यायिक फाइलों में समाहित हैं। उन्होंने सीबीआई को टाइटलर की आवाज के नमूनों की फॉरेंसिक जांच के संबंध में विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। सीबीआई ने मामले में टाइटलर के खिलाफ 20 मई को एक आरोपपत्र दायर किया था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद एक नवंबर, 1984 को पुल बंगश इलाके में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी और एक गुरुद्वारे को जला दिया गया था।
विशेष अदालत में दाखिल आरोपपत्र में सीबीआई ने कहा है कि टाइटलर ने एक नवंबर, 1984 को ‘‘पुल बंगश गुरुद्वारा आजाद बाजार में इकट्ठी भीड़ को उकसाया और भड़काया’’, जिसके परिणामस्वरूप गुरुद्वारे में आग लगा दी गई और तीन सिखों-ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरु चरण सिंह की हत्या कर दी गई।
सीबीआई ने बताया कि जांच एजेंसी ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा) और 109 (भड़काना/उकसाना) के साथ 302 (हत्या) के तहत आरोप लगाए हैं।