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बाबा साहेब की जन्मस्थली को जमीन, 154 कैदी रिहा

भोपाल

देशभर में आज संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी 133वीं जयंती पर याद किया जा रहा है। राष्टÑपति, प्रधानमंत्री समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने संसद भवन पहुंचकर डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया…समाज के वंचित और शोषित वर्ग के सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। जय भीम!

इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि डॉ भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू में उनके अनुयायियों की सुविधा के लिए धर्मशाला बनेगी। इसके लिए राज्य सरकार यहां काम करने वाले बाबा साहब अंबेडकर समिति को साढ़े तीन एकड़ जमीन देगी। इसके साथ ही अंबेडकर के जन्म से लेकर अंतिम संस्कार वाले स्थलों को पंचतीर्थ में शामिल किया गया है और इसे मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में शामिल किया गया है।  शुक्रवार को महू में बाबा साहब अंबेडकर की जन्मस्थली रवाना होने से पहले राजधानी में मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम चौहान ने कहा कि लंबे समय से यह मांग की जाती रही है कि महू में धर्मशाला के लिए जमीन दी जाए। चूंकि महू में सेना की छावनी है और जमीन सेना के हवाले है। इसलिए सरकार के अनुरोध पर सेना ने साढ़े तीन एकड़ जमीन देने के लिए एनओसी दी है। अब सरकार यहां काम करने वाली समिति को धर्मशाला के लिए जमीन लीज पर देगी। चौहान ने कहा कि पूर्व में यहां आने वालों की सुविधा को देखते हुए सरकार डॉ अंबेडकर महाकुंभ करती रही है। अब जमीन मिलने के बाद यहां रुकने में सुविधा मिलेगी।

MP में बूथ स्तर पर बीजेपी कर रही कार्यक्रम
उधर मध्यप्रदेश में बीजेपी द्वारा बूथ स्तर पर अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए सभी 64 हजार बूथों पर पदाधिकारियों की टोली अंबेडकर के कामों को याद कर रही है। साथ ही सेवा बस्तियों में जाकर भी सेवा कार्य किए जा रहे हैं।  बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इसी तारतम्य में राजधानी के बोर्ड आफिस चौराहे पर डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को डॉक्टर अंबेडकर के आदर्शों पर चलने की बात कही।

राष्ट्रीय अवकाश घोषणा के बाद अंबेडकर जयंती पर कैदी रिहा करने वाला पहला राज्य मप्र
मध्यप्रदेश सरकार ने डॉ. भीम राव अंबेडकर की जयंती पर ‘आजादी’ की नई पहल शुरू की है। आज प्रदेश में पहली बार जेल के बंदियों की सजा में रियायत देते हुए 154 बंदियों को रिहा किया गया है। इसमें पांच महिला बंदी भी शामिल हैं। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने पिछले साल यह तय किया था कि अंबेडकर जंयती पर भी ऐसे बंदियों को रिहा किया जाएगा जिनका आचरण अच्छा हैं।  अंबेडकर जंयती पर आज से बंदियों को रिहा किए जाने की परंपरा शुरू की जा रही है। इससे पहले प्रदेश में 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही बंदियों को रिहा किया जाता था।  

इन्हें मिली रिहाई
बताया जाता है कि कुल 154 ऐस बंदी जिन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, वे अपनी सजा के 14 साल से ज्यादा की सजा जेल में भुगत चुके हैं, ऐसे बंदियों में से जिनका आचरण बेहतर हो गया है। उनकी सजा माफ करते हुए रिहा किया गया है। वहीं बालात्कार और पाक्सो आदि के प्रकरण में दंडित बंदियों को सजा माफी नहीं दी गई है।

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