कोरोना काल की फीस न लौटाना पड़ा महंगा, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 100 स्कूलों पर लगा जुर्माना
इलाहाबाद
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद कोरोना काल में सत्र 2021-22 की 15 प्रतिशत फीस अभिभावकों को वापस नहीं करने पर जिलाधिकारी ने बड़ी कारवाई की। जिला शुल्क नियामक समिति ने नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा के 100 स्कूलों पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया। जुर्माना राशि 10 दिन में जमा करने के लिए कहा गया है। तय समय सीमा पर जुर्माना नहीं जमा करने पर जुर्माना पांच लाख हो जाएगा। सभी स्कूलों से हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह ने बताया कि कोरोना काल के शैक्षणिक सत्र 2020-21 के दौरान निजी स्कूलों द्वारा ली गई फीस का 15 फीसदी लौटाने या समायोजित करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। इसी आदेश का पालन कराने के लिए शासनादेश जारी हुआ था। इसको लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक ने गत 25 फरवरी और आठ अप्रैल को निजी स्कूलों को नोटिस जारी था। विभाग ने फीस का समायोजन करने या लौटने की स्कूलों से सूचना मांगी थी। इसमें 100 से अधिक स्कूलों ने सूचना भेज दी। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में 24 अप्रैल को जिला शुल्क नियामक समिति की बैठक हुई थी। इसमें हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अभिभावकों को 15 फीसदी शुल्क समायोजित या वापस न करने पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के करीब 100 स्कूलों पर कार्रवाई की गई। स्कूलों पर शुल्क विनियमन अधिनियम 2018 के आदेश का उल्लंघन करने पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माने की राशि को जमा करने के लिए दस दिन का समय दिया है।
जिला शुल्क नियामक समिति ने नोएडा के शिव नादर स्कूल, नोएडा के फादर एग्नेल स्कूल, नोएडा के सेक्टर-39 रेयान स्कूल, ग्रेनो के जीडी गोयनका स्कूल, ग्रेनो के गगन स्कूल, नोएडा के सेक्टर-11 मार्डन स्कूल, नोएडा के सेक्टर-34 बिल्लाबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल, नोएडा के सेक्टर-50 रामाज्ञा पब्लिक स्कूल, नोएडा के सेक्टर-50 द मिलेनियम स्कूल, ग्रेनो वेस्ट के लोटस वैली स्कूल सहित 100 पर कार्रवाई की।
बिना अनुमति बढ़ाई फीस, जुर्माना लगा : नोएडा के एपीजे स्कूल ने वर्ष 2023 में 35.74 फीसदी फीस बढ़ाने के लिए अभिभावकों को ई-मेल भेजा था। इसकी शिकायत अभिभावकों ने डीआईओएस से की थी। इस पर 31 मार्च को नोटिस भेजा गया था और जवाब मांगा गया था। इसमें स्कूल प्रबंधन ने शिक्षकों के लिए सातवें वेतन आयोग को लागू करने के लिए फीस बढ़ोतरी की बात की थी। समिति ने बिना अनुमति के शुल्क बढ़ाने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की है। जिलाधिकारी ने स्कूल पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाने के आदेश दिए हैं।
मनीष कुमार वर्मा (जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर) ने कहा, ''जिला शुल्क नियामक समिति की बैठक में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर 100 से अधिक स्कूलों पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया गया है। आदेश का पालन करने के आदेश दिए गए हैं। अभिभावकों को किताबें, ड्रेस और शिक्षण सामग्री स्कूल परिसर से लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई होगी।''
अभिभावक बोले
-हिमांशु अग्रवाल : फीस वापस करने की स्कूलों पर कार्रवाई ठीक है, लेकिन अब भी कई स्कूल आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। इस तरह की कार्रवाई के बजाए जिला प्रशासन और डीआईओएस को कारण बताओ नोटिस जारी कर मान्यता निरस्त करने की कार्रवाई करनी चाहिए।
– मनीष कुमार : तीन माह बाद जिलाधिकारी ने इन स्कूलों पर कार्रवाई की है। शुरुआती कदम उचित है। नामी स्कूलों पर एक लाख का जुर्माना बेहद कम है। इन पर अधिक से अधिक जुर्माने का प्रावधान किया जाना चाहिए। जिन 100 स्कूलों पर कार्रवाई की गई है, उनकी सूची सार्वजनिक की जानी चाहिए। ताकि अभिभावक अपने स्कूल को देख सकें।