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पूर्वोत्तर के 3 राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद 10 रोचक व् चौंकाने वाले फैक्ट

 नई दिल्ली

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव के गुरुवार को नतीजे आ गए. त्रिपुरा में जहां बीजेपी दूसरी बार सरकार बनाने में सफल रही. तो वहीं, नगालैंड और मेघालय में बीजेपी गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. इन चुनावों में कुछ चौंकाने वाले नतीजे भी सामने आए. त्रिपुरा में जहां बीजेपी बहुमत हासिल करने में सफल रही, लेकिन राज्य के डिप्टी सीएम जिष्‍णु देव वर्मा खुद चुनाव हार गए. उधर, नगालैंड में 60 साल में पहली बार कोई महिला विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बनी. आईए जानते हैं कि चुनाव नतीजों के 10 चौंकाने वाले फैक्ट…

1- त्रिपुरा में बीजेपी जीती, लेकिन डिप्टी सीएम हारे

त्रिपुरा में बीजेपी सत्ता में वापसी करने में सफल हुई. 60 सीटों वाले राज्य में बीजेपी को 33 सीटों पर जीत मिली. हालांकि, इस चुनाव में बीजेपी के लिए बड़ा झटका चारीलाम विधानसभा सीट पर लगा. यहां से पार्टी ने डिप्टी सीएम और भाजपा के कद्दावर नेता जिष्‍णु देव बर्मा को उतारा था. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. ट‍िपरा मोथा के सुबोध देब बर्मा ने जिष्‍णु देव बर्मा को 858 वोटों से मात दी.

2- सबसे छोटी जीत: नगालैंड में 7, तो मेघालय में 10 वोटों से हुई जीत

तीनों राज्यों में सबसे छोटी जीत नगालैंड में हुई. यहां पश्चिमी अंगामी सीट पर नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) की महिला उम्मीदवार सल्हौतुओनुओ क्रूस ने निर्दलीय प्रत्याशी केनिझाखो नखरो से महज 7 वोटों के अंतर से जीत हासिल की.

तो वहीं मेघालय में राजबाला सीट पर सबसे कम अंतर से जीत-हार तय हुई. यहां अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. मिजानुर रहमान काजी ने नेशनल पीपुल्स पार्टी एमडी अब्दुस सालेह को हराया है. उन्होंने महज 10 वोटों से यह जीत हासिल की है.

3- सबसे बड़ी जीत

त्रिपुरा की बात करें तो यहां की तकरजला सीट से त्रिपुरा मोथा पार्टी के बिस्वजीत कलाई ने इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के प्रत्याशी बिधान देबबर्मा को 32455 वोटों से मत दी है. यह त्रिपुरा में सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीत है. वहीं, मेघालय में मवलाई सीट पर वॉइस ऑफ द पीपल पार्टी के प्रत्याशी ब्राइटस्टारवेल मार्बानियांग ने नेशनल पीपल्स पार्टी के उम्मीदवार टेइबोर्लैंग पथाव को सबसे ज्यादा 15648 वोटों से मात दी है. नगालैंड में सबसे बड़ी जीत 20096 वोट के अंतर से दर्ज की गई. घासपानी-I सीट पर बीजेपी प्रत्याशी एन. जैकब झिमोमी ने निर्दलीय प्रत्याशी वी. फुशिका एओमी को 20096 वोटों से हराया.

4- नगालैंड में 60 साल में पहली बार 2 महिला विधायक बनीं

नगालैंड चुनाव में जनता ने इतिहास रच दिया. यहां 60 साल में पहली बार कोई महिला विधायक बनी है. जनता  पहली बार दो महिला उम्मीदवारों को चुनकर इतिहास रच दिया. बीजेपी की सहयोगी एनडीपीपी (सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी) की उम्मीदवार हेकानी जखालु ने दीमापुर-तृतीय सीट तो सलहौतुओनुओ क्रूस ने पश्चिमी अंगामी सीट पर बाजी मारी.
 
इस बार विधानसभा चुनाव में 183 उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें से चार महिला उम्मीदवार भी थीं. हेकानी जखालु, क्रूस के अलावा तेनिंग सीट पर कांग्रेस की रोजी थॉम्पसन और अटोइजू सीट से भाजपा की काहुली सेमा भी मैदान में थीं. जिन्हें हार का सामना करना पड़ा.

5- नगालैंड में कांग्रेस का नहीं खुला खाता

पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों के नतीजे कांग्रेस के लिए अच्छी खबर लेकर नहीं आए. कांग्रेस का जहां नगालैंड में खाता भी नहीं खुला, तो वहीं मेघालय में पार्टी 5, तो त्रिपुरा में तीन सीटें जीतने में सफल रही. त्रिपुरा में कांग्रेस ने लेफ्ट पार्टियों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. मेघालय में 2018 में कांग्रेस ने 21 सीटें जीती थीं. कांग्रेस के लिए ये नतीजे चौंकाने वाले इसलिए ज्यादा माने जा रहे हैं कि इन राज्यों में ऐसे वक्त पर चुनाव हुए, जब हाल ही में राहुल की भारत जोड़ो यात्रा खत्म हुई है. हालांकि, राहुल सिर्फ मेघालय में प्रचार करने पहुंचे थे, उन्होंने नगालैंड और त्रिपुरा में कोई रैली नहीं की.

6- पूर्वोत्तर में बीजेपी की जलवा बरकरार

त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय तीनों राज्यों में बीजेपी के लिए नतीजे अच्छे रहे. जहां त्रिपुरा में बीजेपी अकेले सरकार बनाने में सफल रही. तो वहीं, नगालैंड में बीजेपी के गठबंधन वाली एनडीपीपी ने बहुमत हासिल किया. मेघालय में मौजूदा सीएम कोनराड संगमा की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. बताया जा रहा है कि वे चुनाव के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के लिए तैयार हो गए हैं. हालांकि, 2018 चुनाव में बीजेपी और एनपीपी ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था और राज्य में सरकार बनाई थी. लेकिन 2023 चुनाव से पहले दोनों पार्टियां अलग हो गई थीं और अलग अलग चुनाव लड़ा था.

7- त्रिपुरा में टिपरा मोथा पार्टी ने सभी को चौंकाया

त्रिपुरा चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा त्रिपुरा के राजवंश के उत्तराधिकारी प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा की टिपरा मोथा पार्टी की रही. टिपरा मोथा राज्य में 13 सीटें जीतने में सफल रही. प्रद्योत आदिवासी समुदाय के लिए 'टिपरालैंड' नाम से अलग राज्य की मांग करते रहे हैं. प्रद्योत ने अपना सियासी सफर का आगाज कांग्रेस से किया था. कांग्रेस के टिकट पर उनकी मां और पिता दोनों ही सांसद रह चुके हैं. 2018 विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने त्रिपुरा की कमान उनको सौंपी थी, लेकिन वो इस पद पर ज्यादा दिन तक नहीं रह सके और एनआरसी मुद्दे के चलते इस पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने नई पार्टी का गठन किया था.

 8- मेघालय में ममता की पार्टी ने दिखाया दम

मेघालय में भले ही संगमा की एनपीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो, लेकिन ममता बनर्जी की पार्टी ने उन्हें खूब टक्कर दी. ममता बनर्जी की पार्टी चुनाव में 5 सीटें जीतने में सफल रही. इससे पहले 2018 में पार्टी 8 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और एक पर भी जीत नहीं मिल सकी थी.

 9- तेमजेन इम्ना अलॉन्ग जीते

सोशल मीडिया पर अपने सेंस ऑफ ह्यूमर के लिए चर्चा में रहने वाले तेमजेन इम्ना अलॉन्ग ने जीत हासिल की. तेमजेन नागालैंड बीजेपी के अध्यक्ष हैं. उन्होंने अलोंगटाकी सीट से चुनाव जीता. उन्होंने नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड के जे लानू लोंगचार को मात दी.

 10- नीतीश, पवार, चिराग की पार्टियों को पूर्वोत्तर में क्या मिला?

नगालैंड में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू, चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी), शरद पवार की एनसीपी, केंद्रीय मंत्री अठावले की आरपीआई भी मैदान में थीं. एनसीपी जहां 7 सीटें, तो जदयू 1 सीट जीतने में सफल रही. वहीं, एलजेपी और आरपीआई भी दो दो सीटें जीतने में सफल रहीं.

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